त्रिवेंद्र चचा ने मांगी बजट पर सलाह
बहुत सोचा, क्या सलाह दूं, अपना तो हर समय बजट खराब रहता है। जलन हो रही है नेताओं से। क्षेत्र में जाना नहीं और दुनिया भर के भत्ते, मुफ्त का मकान-फ्री-बिजली पानी, नौकर-चाकर, क्यों न ऐसा हो कि जब नेताजी काम नहीं करें तो उनका वेतन-भत्ते काट दिये जाएं। विकास कार्यों पर कमिशन और कमीशन कू मीट-भात पर जांच बिठाई जाएं। जब 33 साल सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिलेगी तो पांच साल कमीशन और भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं को पेंशन क्यों? मुझे लगता है कि कम से कम ऐसा करने से राजकोषीय घाटे में कमी तो आएगी। नेता कमा तो दूसरे माध्यम से लेंगे।
चचा बजट में ऐसा प्रावधान भी करना।
मंत्री-विधायक जिस दिन काम न करें उनका वेतन-भत्ता काट लिया जाएं
- विधायकी की पेंशन तुरंत प्रभाव से बंद कर दी जाए
- विधायक की कमाई और खर्च का आडिट स्वतंत्र जांच एंजेंसी से कराया जाए
- विधायकों को एक ही पत्नी का राशन और सुविधाएं मिलेंगी। उनकी दूसरी, तीसरी, चैथी, पांचवीं, छठी पत्नियों और उनके बच्चों को सरकारी लाभ न दिया जाए।
बाकी राय आप लोग दे दो, प्लीज।
[वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला की फेसबुक वॉल से साभार]