मनाली, 10 जून। दगपो शदडुबलिंग बौद्ध बिहार, काईस की ओर से कुल्लू-मनाली घाटी में बौद्ध दर्शन विषय पर तीन दिनों का राष्ट्रीय सम्मेलन मनाली स्थित हिमालय बौद्ध बिहार में शुरू हो गया है। इस सेमिनार का उद्घाटन मनाली के विधायक गोविंद सिंह ठाकुर ने किया। इस सम्मेलन का विषय प्राणियों का दु:ख निवारण तथा बौद्ध धर्म रखा गया है। इस अवसर पर गोविंद सिंह ने कहा कि इस प्रकार से सेमिनारों के आयोजन में आम जनमानस की भागिदारी आवयश्क है। उन्होंने कहा बुद्ध धर्म से संबंधित या फिर अन्य धार्मिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण सम्मेलनों का उद्देश्य मानसिक शांति की ओर ले जाना होता है।

कायस स्थित बौद्ध विहार के प्रबंधक उज्ञन नोरबू तथा सम्मेलन के संयोजक डॉ. टशी पलजोर के साथ-साथ अन्य विद्वानों ने बौद्ध धर्म तथा मानव जीवन के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न स्थानों से बौद्ध दर्शन और बौद्ध संस्कृति के लगभग 40 विद्वान आमंत्रित हैं। इनमें लेह-लद्दाख से केंद्रीय बौद्ध विद्या संस्थान के कुलपति गेशे कोंचोक वांग्दी, प्रख्यात विद्वान गेशे कोंचोक नमज्ञाल, उर्ज्ञन दादुल, डॉ. नवांग छेरिंग तथा छवांग दोरजे कुल्लू पहुंच गए हैं। सारनाथ से डॉ. बनारसी लाल तथा प्रो. रमेश नेगी, नागपुर से डॉ. विमल कीर्ति, दिल्ली से प्रो. हीरागंग नेगी तथा प्रो. सत्येन्द्र पांडे, जम्मू से प्रो. रामनंदन सिंह, चंडीगढ़ से डॉ. जेके शर्मा, शिमला से जोनंग खम्पो, डॉ. तुलसी रमण, श्रवण कुमार तथा प्रभु लाल, किन्नौर से रोशन लाल नेगी तथा फुंचोग शास्त्री, लाहुल से ठिन्ले नमज्ञाल और अमची कर्मा आदि इस सम्मेलन उपस्थित हुए।
इनके अतिरिक्त स्पीति से पिनगोन्पा के खम्पो डिमेद तथा काजा के पद्मा नमज्ञाल, कुल्लू-मनाली घाटी के छेरिंग दोरजे, तोबदन, सतीश कुमार लोपा और कर्नल नोरबू आदि के साथ विभिन्न बौद्ध बिहारों के विद्वान लामा इसमें भाग लेंगे। तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में प्रमुख विद्वान विभिन्न विषयों पर पत्र पढ़ेंगे और उन पर विचार-विमर्श होगा।