Wednesday, May 15, 2024
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धर्म, पुरातन और पर्यटन से सरावोर है अनछुआ पर्यटन स्‍थल महसू

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Tuesday, December 01, 2020 07:52 AM IST
धर्म, पुरातन और पर्यटन से सरावोर है अनछुआ पर्यटन स्‍थल महसू

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की पांगणा उप-तहसील के अंतर्गत शिकारी देवी के आंचल में बसा महसू क्षेत्र धार्मिक और पौराणिक किवदंतियों के कारण ही नहीं अपितु पुरातत्व और पर्यटन की दृष्टि से भी प्रसिद्ध है। कटवाहची और मशोगल पंचायतों के सुंदर गांवो मे फैले इस क्षेत्र के अधिष्ठाता महा शिव-महसू हैं। इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक धरोहरों, प्राचीन मंदिरों, ऐतिहासिक गढ़ों, पारंपरिक घरों को पर्यटन की दृष्टि से भले ही अनदेखा किया गया हो, मगर जो भी यहां आता है वो यहां की खूबसुरती और अध्‍यात्‍मिक्‍ता से अछूता नहीं रह पाता।

 

नाचन निर्वाचन के नितांत पिछड़े और दुर्गम क्षेत्र का अध्ययन कर लौटे पुरातत्व चेतना संघ मंडी द्वारा पुरातत्व चेतना पुरस्कार से सम्मानित डाक्टर जगदीश शर्मा, व्यापार मंडल पांगणा के प्रधान सुमित गुप्ता, और युवाओं के प्रेरक अध्यापक पुनीत गुप्ता का कहना है कि निचला, मंझला और शिरा भुंडल में फैले इस क्षेत्र में कला के अनेक उत्कृष्ट नमूने देखने को मिले। गांव में बने प्राचीन घर आज के पर्यटन हट्स को चिढ़ाते दिखे। इन घरों में भले ही आज लोग न रहते हों,लेकिन ये भवन प्राचीन भवन निर्माण कला की अदभुत मिसाल हैं।

 

पर्यटन की दृष्टि से यदि इस क्षेत्र को विकसित किया जाए तो पांच सितारा होटलों में रहने वाले भी इन प्राचीन कुटीरो में  रहने को प्राथमिकता देंगे। ध्यान और स्वास्थ्य की दृष्टि से समृद्ध इन पुरा वैभवों को भी संरक्षण देने की जरूरत है। ताकि भविष्य में सैलानियों को इस ओर आकर्षित किया जा सके। (प्रस्‍तुति: मुरारी शर्मा)

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