शिमला, 25 मार्च। हिमाचल प्रदेश की छह विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस से बगावत करके भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के पूर्व विधायकों को उनके अपने-अपने विस चुनाव क्षेत्र में प्रत्याशी घोषित कर दिया है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ क्रॉस वोटिंग करने और इसके बाद विस के बजट सत्र में बजट पर होने वाले वोटिंग में पार्टी व्हीप का उल्लंघन करके अनुपस्थित रहने पर कांग्रेस के इन छह विधायकों को विस की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद इन सभी ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी, मगर वहां बात ना बनती देख भाजपा ने इन्हें पार्टी में शामिल करवाने के साथ ही अब इन्हें पार्टी का प्रत्याशी बनाकर इन्हें बगावत का तोहफा दिया है।
इनमें धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेन्द्र राणा, गगरेट से चैतन्य शर्मा, कुटलैहड़ से देवेन्द्र कुमार भुट्टो, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल और लाहौल-स्पीति से रवि ठाकुर शामिल हैं। अब लोकसभा की चार सीटों के साथ होने वाले विस की छह सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस के ही बागियों का मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशियों से होगा। इन सभी ने हिमाचल के तीन निर्दलीय विधायकों के साथ तीन दिन पहले ही नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
उधर, तीन निर्दलीय विधायकों में देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से केएल ठाकुर भी विस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं, मगर अभी तक उनको लेकर फैसला नहीं हो पाया है। अगर इनका इस्तीफा भी मंजूर हो जाता है तो इनके भी भाजपा प्रत्याशी बनने और यहां भी उपचुनाव होने की संभावना बनी हुई है।
वहीं 15 माह की सुक्खू सरकार के लिए लोकसभा की चार सीटों से ज्यादा विस उपचुनाव की सीटों में से कम से एक सीट बचाने का दबाव बना रहेगा, क्योंकि इस समय विस में जो सकमीकरण बने हुए हैं, उनके तहत 40 सीटों के साथ बहुमत की सरकार बनाने वाले कांग्रेस की सुक्खू सरकार के विधायकों की संख्या अब घट कर 34 रह गई है। ऐसे में उनकी सरकार को बचने के लिए कम से कम एक सीट जीतने की जरूरत है, तो वहीं भाजपा सभी सीटें जीतने की सूरत में अपनी सरकार बनाने की स्थिति में पहुंच सकती है।
बताया जा रहा है कि 6 विधायकों की बागवत के बाद भी हिमाचल कांग्रेस में ठीक नहीं चल रहा है और पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के समर्थकों का एक खेमा गुपचुप तरीके से उपचुनावों पर नजर बनाए हुए है और पाला भाजपा के पक्ष में पलटते ही हिमाचल की सुखविंद्र सिंह सुक्खू की सरकार एक और बगावत का सामना कर सकती है। ज्ञात रहे कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने हिमाचल की 4 लोस सीटों के चुनाव के साथ ही छह विधानसभा सीटों पर पहली जून को उप चुनाव का ऐलान किया है।
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