Tuesday, May 14, 2024
BREAKING
जवाली, फ़तेहपुर और इंदौरा में आनंद शर्मा का विशाल जनसमूह ने किया स्वागत विनोद सुल्तानपुरी के नामांकन में शामिल हुए सीएम, भाजपा पर बरसे नशेड़ी पति से त्रस्‍त महिला ने रॉड से पीट कर मौत के घाट उतारा जसवां परागपुर से था बिकाऊ विधायकों का चौकीदार, होशियार के खोलूंगा चिट्ठे : सुक्‍खू काँगड़ा को ऐसे सांसद की ज़रूरत है, जिसकी आवाज पूरा देश सुने: मुख्यमंत्री बेईमानों का कभी साथ नहीं देती देवभूमि की जनता : मुख्यमंत्री पांचवीं बार 5 लाख वोटों से जीतेंगे अनुराग ठाकुर : जयराम ठाकुर छह दागियों ने स्वीकार किया अपना गुनाह, भाजपा ने रुकवाई महिलाओं की पेंशन: कांग्रेस  मुख्यमंत्री की तानाशाही से उनके ज़िले के तीन विधायक पार्टी छोड़ गये: जयराम ठाकुर सत्ता में रहते पांच साल जयराम ने की हमीरपुर की अनदेखीः सीएम
 

टेलीविजन की परिचर्चाएं दूसरी चीजों से कहीं अधिक प्रदूषण फैला रही हैं: सुप्रीम कोर्ट

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Wednesday, November 17, 2021 17:48 PM IST
टेलीविजन की परिचर्चाएं दूसरी चीजों से कहीं अधिक प्रदूषण फैला रही हैं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 17 नवंबर। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि टेलीविजन समाचार चैनलों पर होनी वाली परिचर्चाएं दूसरी चीजों से कहीं अधिक प्रदूषण फैला रही हैं और न्यायालय में सुनवाई के दौरान दिए जाने वाले वक्तव्यों का संदर्भ से बाहर इस्तेमाल किया जा रहा है।

 

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि सबका अपना एजेंडा होता है और इन बहस के दौरान दिए गए बयानों का संदर्भ से बाहर इस्तेमाल किया जा रहा है। पीठ ने कहा कि ‘आप (वादकारियों) किसी मुद्दे का इस्तेमाल करना चाहते हैं, हमसे टिप्प्णी कराना चाहते हैं और फिर उसे विवादास्पद बनाते हैं, इसके बाद सिर्फ आरोप प्रत्यारोप ही होता है...।’

 

पीठ ने कहा कि ‘टेलीविजन परिचर्चाओं से किसी भी दूसरी चीज से कहीं अधिक प्रदूषण उत्पन्न हो रहा है। उन्हें समझ में नहीं आता कि क्या हो रहा है और क्या मुद्दा है। बयानों का संदर्भ से बाहर इस्तेमाल किया जाता है। हर किसी का अपना एजेंडा होता है। हम कोई मदद नहीं कर सकते और हम इसे नियंत्रित नहीं कर सकते हैं। हम समाधान निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’

 

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए की। शीर्ष अदालत ने यह मौखिक टिप्पणी दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलील पर की जिसमें कहा गया था कि पराली जलाना वायु प्रदूषण के कारकों में से एक है, जिसका समाधान करने की जरूरत है। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र के आंकड़ों को संदर्भित किया।

 

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने टेलीविजन पर परिचर्चाओं का उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने दावा किया कि उन्होंने (मेहता) वायु प्रदूषण में पराली जलाने के योगदान पर शीर्ष अदालत को गुमराह किया था। मेहता ने कहा कि ‘मैंने अपने खिलाफ टीवी मीडिया पर कुछ गैर-जिम्मेदार और अप्रिय बयान देखे कि मैंने यह दिखाकर पराली जलाने के सवाल पर अदालत को गुमराह किया कि इसका योगदान केवल 4 से 7 प्रतिशत है। मुझे स्पष्ट करने दीजिये।’

 

शीर्ष अदालत ने हालांकि कहा कि ‘हमें बिल्कुल भी गुमराह नहीं किया गया था। आपने 10 प्रतिशत कहा था लेकिन हलफनामे में यह बताया गया था कि यह 30 से 40 प्रतिशत है।’ पीठ ने कहा कि ‘इस प्रकार की आलोचना होती है जब हम सार्वजनिक पदों पर होते हैं। हम स्पष्ट हैं, हमारा विवेक स्पष्ट है, यह सब भूल जाइये। इस प्रकार की आलोचनाएं होती रहती हैं। हमारा विवेक स्पष्ट है और हम समाज की बेहतरी के लिए काम करते हैं।’ याचिका पर्यावरण कार्यकर्ता आदित्य दुबे और विधि छात्र अमन बांका ने दायर की है, जिन्होंने छोटे और सीमांत किसानों को मुफ्त में पराली के निस्तारण वाली मशीन उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

गैरकानूनी संगठन का सदस्य होना माना जाएगा अपराध: सुप्रीम कोर्ट

फैसला : गैरकानूनी संगठन का सदस्य होना माना जाएगा अपराध: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के फैसले को 4-1 के अंतर से सही ठहराया

फैसला : सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के फैसले को 4-1 के अंतर से सही ठहराया

धर्मशाला में सुप्रीम कोर्ट के जज एमआर शाह को पड़ा दिल का दौरा,एयरलिफ्ट की तैयारी

टांडा में किया उपचार : धर्मशाला में सुप्रीम कोर्ट के जज एमआर शाह को पड़ा दिल का दौरा,एयरलिफ्ट की तैयारी

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों के 6 न्यायाधीश स्थानांतरित किए

अनुशंसा : सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों के 6 न्यायाधीश स्थानांतरित किए

कार्यकापालिका और विधायिका के चलते लंबित मामलों की भरमार: सीजेआई

जानबूझकर निष्क्रियता चिंताजनक : कार्यकापालिका और विधायिका के चलते लंबित मामलों की भरमार: सीजेआई

प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक मामले में पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करेगा सुप्रीम कोर्ट

फैसला : प्रधानमंत्री सुरक्षा चूक मामले में पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करेगा सुप्रीम कोर्ट

अगले साल से लागू होंगे नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षाओं में बदलाव, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

वैधता पर सवाल : अगले साल से लागू होंगे नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षाओं में बदलाव, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

पिछड़े वर्गों की जातिगत जनगणना प्रशासनिक रूप से कठिन है: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

सर्वोच्च सुनवाई : पिछड़े वर्गों की जातिगत जनगणना प्रशासनिक रूप से कठिन है: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

VIDEO POST

View All Videos
X