शिमला,15 अक्तूबर। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने पूर्व भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जो सरकार अपने कार्यकाल में कर्मचारियों के हितों का ध्यान नहीं रख सकी उसे वर्तमान सरकार के खिलाफ बेवजह बोलने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के उस ब्यान को हास्यास्पद बताया जिसमें उन्होंने कहा कि इस सरकार को केन्द्र से मिली 1500 करोड़ रूपये की मदद के लिए केन्द्र सरकार का धन्यवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कोई विशेष आर्थिक पैकेज या सहायता नहीं है अपितु यह करों के रूप में हिमाचल प्रदेश का शेयर है जो उसे मिलना ही था और इसके लिए केन्द्र सरकार का आभार करने की आवश्यकता नहीं है। नरेश चौहान आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हमारी सरकार कर्मचारी हितैषी है जिसने सत्ता सम्भालते ही अपनी दस गारंटियों में से पुरानी पेंशन को बहाल कर अपनी पहली गारंटी को पूरा कर दिखाया। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने छठा वेतन आयोग तो लागू किया लेकिन कर्मचारियों को कुछ नहीं दिया और उनकी 10 हजार करोड़ रूपये की देनदारियां भी छोड़कर गई।
नरेश चौहान ने कहा कि यह मुख्यमंत्री की कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक सोच का ही परिणाम है कि कर्मचारियों की उचित मांगों को मानते हुए उन्हें पहली जनवरी, 2023 से देय चार प्रतिशत की दर मंहगाई भत्ता, 75 वर्ष या इससे अधिक आयु के पेंशनरों का पूरा बकाया एरियर देने, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 20 हजार रूपये वेतन बकाया की अतिरिक्त किश्त तथा दिवाली त्यौहार को देखते हुए सभी कर्मचारियों और पेंशनरों का अक्तूबर माह के वेतन व पेंशन का भुगतान 28 अक्तूबर को करने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त पेंशनरों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए 10 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है और सभी विभागों को पेंशनरों के लम्बित बिलों के निपटान के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा कर्मचारियों को 7 प्रतिशत मंहगाई भत्ता पहले ही दिया जा चुका है जबकि अब 2023 से देय 4 प्रतिशत भत्ता देने की घोषणा से प्रदेश सरकार के 1.80 लाख कर्मचारी एवं 1.70 पेंशनर लाभान्वित होंगे और इससे राजकीय कोष पर लगभग 600 करोड़ रूपये का अतिरिक्त वार्षिक बोझ़ पड़ेगा । उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हितों में लिए गए इन बड़े फैसलों में उनमें खुशी का माहौल है।
उन्होंने कहा कि जिस ओ.पी.एस. के लिए प्रदेश के लाखों कर्मचारी पूर्व सरकार के कार्यकाल में पूरे पांच साल अपनी लड़ाई लड़ते रहे, उसे वर्तमान सरकार ने सत्ता सम्भालते ही लागू कर दिखाया और इससे प्रदेश के 1.36 कर्मचारियों को लाभ पहुंचा। ओ.पी.एस. लागू करने वाला हिमाचल आज देश का पहला राज्य बन गया है। नरेश चैहान ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालकों एवं परिचालकों का करोड़ों रूपये का ओवरटाईम जो पिछली सरकार के कार्यकाल से लम्बित पड़ा था दिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने परिवहन निगम के स्वर्ण जयन्ती समारोह के अवसर पर निगम के कर्मचारियों को ओवरटाईम के भुगतान के लिए 50 करोड़ तथा उनके लम्बित पड़े मैडिकल बिलों के लिए भुगतान के लिए 9 करोड़ जारी करने की घोषणा की। इससे परिवहन निगम के कर्मचारियों में अपार खुशी का माहौल है और इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार भी जताया है।
नरेश चैहान ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता जयराम ठाकुर जो खुद पांच साल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने कर्मचारियों को ठगने के लिए सिवा और कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह बेहद चिन्ता का विषय कि आज जब हमारी सरकार कर्मचारियों के मुद्दों पर गहनता से विचार करती है और उनके लम्बित देय लाभ प्रदान करती है तो पूर्व मुख्यमंत्री इसका विरोध करते हैं जबकि उन्हें सरकार के इन बड़े फैसलों की सराहना करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सचिवालय के कर्मचारियों और सरकार के बीच कोई तकरार नहीं है बल्कि बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत के सार्थक परिणाम सामने आए हैं। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांगों को मानकर उन्हें पूरा कर दिखाया है जिससे सचिवालय सहित प्रदेश लाखों कर्मचारी लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल में किसी प्रकार का वित्तीय संकट नहीं है और वर्ष 2027 तक हिमाचल एक आत्मनिर्भर राज्य बनेगा।