टोक्यो, 29 अगस्त। भाविनाबेन पटेल को टोक्यो खेलों की टेबल टेनिस क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में रविवार को यहां दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 0-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा लेकिन वह एतिहासिक रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनने में सफल रहीं। चौंतीस साल की भाविनाबेन दो बार की स्वर्ण पदक विजेता झाउ के खिलाफ 19 मिनट में 7-11, 5-11, 6-11 से हार गईं। वह हालांकि भारत को मौजूदा पैरालंपिक खेलों का पहला पदक दिलाने में सफल रहीं।
भाविनाबेन पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की मौजूदा अध्यक्ष दीपा मलिक पांच साल पहले रियो पैरालंपिक में गोला फेंक में रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं थी।
पैरालंपिक की टेबल टेनिस स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी भाविनाबेन के हवाले से अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कहा कि ‘मैं पदक जीतकर बेहद खुश हूं लेकिन थोड़ी निराश भी हूं। मैं थोड़ी नर्वस हो गई थी।’ व्हीलचेयर पर बैठकर खेलने वाली भाविनाबेन को इस हफ्ते की शुरुआत में अपने पहले ग्रुप मैच में भी झाउ के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि ‘मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि अगली बार जब मैं उसका सामना करूंगी तो आपको अलग नजर आऊंगी। उसने स्पष्ट तौर पर दबदबा बनाया और मेरे प्रयासों को विफल करने के लिए उसके पास सारे शॉट थे। हालांकि मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि यह पदक अहम साबित होगा।’
भाविनाबेन पांच साल पहले अपने दस्तावेजों में कुछ समस्या के कारण रियो ओलंपिक नहीं जा सकी थीं लेकिन अब उन्होंने पदक जीतकर इस निराशा को दूर कर दिया है। बीजिंग और लंदन में स्वर्ण पदक सहित पैरालंपिक में पांच पदक जीतने वाली झाउ के खिलाफ भाविनाबेन जूझती नजर आईं और अधिकतर समय वापसी करने की कोशिशों में लगी रहीं। विश्व चैंपियनशिप की छह बार की पदक विजेता झाउ ने दुनिया की 12वें नंबर की खिलाड़ी भाविनाबेन को कोई मौका नहीं दिया।
झाउ ने पहले गेम में 3-3 के स्कोर के बाद 7-5 की बढ़त बनाई। भाविनाबेन ने कुछ अंक और जुटाए लेकिन चीन की खिलाड़ी पहला गेम जीतने में सफल रहीं। दूसरे गेम में झाउ ने शानदार शुरुआत करते हुए 7-1 की बढ़त बनाई जिसके बाद उन्हें दूसरा गेम जीतकर 2-0 की बढ़त बनाने में कोई परेशानी नहीं हुई। तीसरे गेम में भाविनाबेन ने झाउ को कड़ी टक्कर देने की कोशिश की। एक समय स्कोर 5-5 से बराबर था लेकिन इसके बाद चीन की खिलाड़ी ने जोरदार खेल दिखाते हुए गेम, मैच और खिताब जीत लिया।
मात्र 12 महीने की उम्र में पोलियो से संक्रमित होने वाली भाविनाबेन ने शनिवार को सेमीफाइनल में चीन की दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी मियाओ झैंग को 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 से हराया था। शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में भाविनाबेन ने रियो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी सर्बिया की बोरिस्लावा पेरिच रेंकोविच को हराकर पदक सुनिश्चित करते हुए इतिहास रचा था। पैरा टेबल टेनिस की क्लास 1 से 5 व्हीलचेयर खिलाड़ियों के लिए होती है। क्लास 4 के खिलाड़ियों का बैठने का संतुलन ठीक-ठाक होता है और उनकी बांह और हाथ पूरी तरह काम करते हैं।
भाविनाबेन 13 साल पहले अहमदाबाद के वस्त्रपुर क्षेत्र में ‘ब्लाइंड पीपल्स एसोसिएशन’ में इस खेल से जुड़ी। वह वहां दिव्यांग लोगों के लिए आईटीआई की छात्र थी। वहां उन्होंने दृष्टिबाधित बच्चों को टेबल टेनिस खेलते हुए देखा और इस खेल से जुड़ने का फैसला किया। भाविनाबेन ने उम्मीद जताई कि उनकी सफलता से दिव्यांगता के प्रति लोगों की धारणा बदलेगी और दिव्यांगों के लिए अधिक मौके बनेंगे। उन्होंने कहा कि ‘बड़े होते हुए मैं जिन चीजों से गुजरी हूं, मैं नहीं चाहती कि दिव्यांग लोगों की अगली पीढ़ी को उन चीजों का सामना करना पड़े।’ भाविनाबेन ने कहा कि ‘चीजों तक पहुंच एक बड़ा मुद्दा है और साथ ही नौकरी और अन्य मौके भी। अगर मेरे पदक के बाद किसी तरह अधिकारियों के कानों तक आवाज पहुंचेगी तो मुझे खुशी होगी।’ उन्होंने कहा कि ‘मुझे पता था ऐसा (पदक जीतना) होगा क्योंकि स्वदेश में करोड़ों लोग प्रार्थना कर रहे थे, समर्थन के लिए सभी को धन्यवाद।’
भाविना पटेल ने पैरालम्पिक में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा: प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली। टोक्यो पैरालम्पिक में टेबल टेनिस स्पर्धा के महिला एकल में रजत पदक जीतने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाविना बेन पटेल को रविवार को बधाई दी और उनकी जीत को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि इससे युवा खेलों के प्रति आकर्षित होंगे। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि ‘असाधारण भाविना पटेल ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने देश के लिए ऐतिहासिक रजत पदक जीता है। उनकी जीवन यात्रा प्रेरक है और वह युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करेंगी।’ भाविना बेन पटेल को टोक्यो पैरालंपिक की टेबल टेनिस क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में रविवार को चीन की झाउ यिंग के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। उन्हें यिंग ने सीधे मुकाबले में 7-11, 5-11, 6-11 से शिकस्त दी। हालांकि, इसके बावजूद वह टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत को पहला पदक दिलाने में सफल रहीं।
बाद में प्रधानमंत्री ने भाविना से फोन पर बात की और उन्हें रजत पदक जीतने पर बधाई दी। प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक मोदी ने भाविना से कहा कि उन्होंने इतिहास रचा है। उन्होंने रजत पदक विजेता को भविष्य की शुभकामनाएं भी दीं। भाविना गुजरात में मेहसाणा जिले के वडनगर के सुंधिया गांव की रहने वाली हैं। प्रधानमंत्री ने भाविना को बताया कि वह अक्सर सुंधिया जाते रहते थे। उन्होंने भाविना से यह भी पूछा कि उनके परिवार के कौन-कौन से सदस्य अभी गांव में रहते हैं। इसके जवाब में भाविना ने बताया कि उनके माता-पिता सुंधिया में ही रहते हैं। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री भी वडनगर के ही रहने वाले हैं।
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