बिलासपुर, 14 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला, पर्यटन नगरी डलहौजी के बाद अब महर्षी वेद व्यास जी की जन्मभूमि बिलासपुर का नाम बदलने की मांग उठी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिले बिलासपुर का नाम बदलने की मांग भी भाजपा नेताओं की ओर से ही की गई है। बुधवार को बिलासपुर दौरे पर आए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में मांगपत्र सौंप कर बिलासपुर का नाम व्यासपुर करने की मांग रखी। यह भी तर्क दिया गया है कि बिलासपुर का पुराना नाम व्यासपुर ही है।
साथ ही मांग की गई है कि नगर में स्थित महर्षी वेद व्यास जी की जन्मभूमि व्यासगुफा व तीर्थ क्षेत्र को ऐतिहासिक धरोहर मानकर इसके लिए विशेष बजट का प्रावधान एशियन डवैलपमैंट बैंक से करवाया जाए। नगर परिषद पहले ही इस आशय का प्रस्ताव अपने सदन में परित कर चुकी है। इस पारित प्रस्ताव की प्रति भी मांगपत्र के साथ संलग्र कर राज्यपाल आर्लेकर को इस प्रतिनिधिमंडल ने सौंपी है।
बुधवार को प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता नगर परिषद बिलासपुर के अध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप व उपाध्यक्ष कमल गौतम ने की। उन्होंने बताया कि नगर परिषद के समक्ष विभिन्न संस्थाओं/समितियों ने लिखित निवेदन किया है कि ऋषि वेद व्यास जी की जन्म भूमि व्यास गुफा को ऐतिहासिक धरोहर घोषित किया जाए। इसे बिलासपुर में ही स्थित दूसरे तीर्थ मार्कण्डेय की तर्ज पर विकसित किया जाए, क्योंकि यह स्थान 4 वेद, 18 पुराण, 36 उपनिषदों के रचयिता वेद व्यास जी की जन्मभूमि है।
ज्ञात रहे कि मान्यताओं के अनुसार पौराणिक समय में वेद व्यास जी इसी गुफा से मार्कण्डेय तीर्थ में धार्मिक चर्चा के लिए जाते थे। संस्थाओं के इसी अनुरोध पर सदन ने यह प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजने का निर्णय लिया। उधर, यह भी दावा किया गया है कि राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि इस मांग को वे सरकार के समक्ष उचित तरीके से रखेंगे।
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