शिमला, 31 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में जाइका प्रोजेक्ट में तैनात एक बड़े अधिकारी को दिवाली पर्व के बहाने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को सोने का महंगा उपहार देकर नजदीकियां जुटाने का प्रयास करना महंगा पड़ गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते सोमवार को अपने दो और सहयोगी अधिकारियों के साथ जैसे ही यह अधिकारी सीएम के सामने दीवाली की शुभकामनाओं के साथ एक उपहार लेकर पहुंचा तो मुख्यमंत्री को तोहफे पर संदेह हुआ। उन्होंने दीवाली की शुभकामनाएं तो स्वीकार कर लीं लेकिन उन्होंने अधिकारी को पैकेट खोलने के लिए कहा। मौके पर मौजूद अधिकारी ने जब पैकेट खोला तो इसमें महंगा सोने का उपहार था। इसे देख सीएम ने सख्त लिहाजे से कह दिया कि वह इस तरह का गिफ्ट नहीं लेते। इस पर यह अधिकारी सफाइयां देने लग गया कि सर यह तो सोने की परत चढ़ा हुआ गिफ्ट है, पूरा सोने का नहीं है। इस दौरान सीएम से मिलने वालों की भीड़ भी जमा थी। सूत्रों ने बताया कि सीएम सुक्खू ने इस अधिकारी को फटकार लगाई और इस महंगे गिफ्ट समेत सारा साजो सामान उठाकर वापिस ले जाने का आदेश दे दिया।
इस पर अधिकारी ने सबके सामने हुई फजीहत के बीच अपना सामान समेटा और निकल लिया। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री दीवाली के मौके पर इस तरह के महंगे गिफ्ट लाकर उन्हें रिझाने की कोशिश करने वाले सरकारी अफसरों की ऐसी करतूतों से नाराज़ दिखे और उन्होंने सचिवालय में भी आदेश दे दिए हैं कि जो भी दीवाली की बधाई देने के लिए अफसरों, मंत्रियों या उनके दफ्तर में आएगा, उन सभी की पहले स्कैनिंग होगी। इसके लिए सचिवालय में पूरा पुलिस का पहरा भी बिठा दिया गया है। ऐसी भी जानकारी है कि सरकार ने इस तरह के महंगे गिफ्ट लेकर आने वाले अफसरों या दूसरे किसी भी व्यक्ति पर कानूनी करवाई करने के भी आदेश दिए हैं। सचिवालय में बधाई देने आ रहे हर व्यक्ति की अब सकैनिंग हो रही है। कहाँ से है कौन है किससे मिलने जा रहा है क्या गिफ्ट लेकर जा रहा है, इसका पूरा रिकॉर्ड रखां जा रहा है। मुख्यमंत्री सुक्खू के इस कदम की पूरे राज्य में तारीफ की जा रही है।
बताया जा रहा है कि जाइका का यह अधिकारी अपने स्पेन और नीदरलैंड के दौरे के कारण चर्चा में आया था। कृषि मंत्री में इनके दौरे की फ़ाइल रोक दी थी, इसके बावजूद इन्होंने मुख्यमंत्री के पास जाकर अपनी फ़ाइल मंजूर करवा ली। चर्चा रही कि इन्होंने बगैर मंत्री की मंजूरी के ही अपने विदेश दौरे से जुड़ी कंपनी को कथित तौर पर 40 लाख रुपये एडवांस जमा करवा दिए थे। दौरा रद्द होने की स्थिति में इस अधिकारी को यह 40 लाख की रिकवरी पड़ जानी थी, लेकिन यह अधिकारी मुख्यमंत्री के पास जाकर रिकवरी से बचने की दुहाई देकर अपनी फ़ाइल मंजूर करवाकर ले आये थे। वहीं मंत्री ने फ़ाइल मंजूर करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि अधिकारी की ओर से दौरे के लिए प्रस्तावित दोनों देशों में कृषि बिल्कुल नहीं होती है सिर्फ फूलों की खेती होती है।