तपोवन(कांगड़ा), 11 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा से तपोवन परिसर में चल रहे शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन भी विरोध प्रदर्शनों से गर्माया रहा। न्यू पेंशन स्कीम एम्प्लाइज एसोसिएशन(एनपीएसईए) ने शनिवार को पुरानी पेंशन स्कीम बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान दाड़ी मैदान में भारी संख्या में एनपीएस कर्मचारियों ने हल्ला बोला और पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेताया कि यदि इस मुद्दे पर फैसला नहीं लिया गया तो कर्मचारी विधानसभा का घेराव करेंगे।
उधर, एनपीएसईए के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से भी भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम के अन्तर्गत कवर करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को इस मामले और उनकी शिकायतों की समयबद्ध सुनवाई के लिए एक कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया।
ज्ञात रहे कि सरकार सत्र के पहले ही दिन पुरानी पेंशन बहाल करने को लेकर साफ इनकार कर चुकी है। सरकार ने कहा है कि अगर इस स्कीम को बहाल किया जाता है तो सरकार पर सालाना 500 करोड़ रूपये का खर्च आएगा। ऐसे में प्रदेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस स्कीम को बहाल नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद आज प्रदेश के लगभग सभी जिलों से हजारों की संख्या में एनपीएस कर्मचारियों ने डीसी कार्यालय धर्मशाला से दाड़ी मेला मैदान तक पेंशन अधिकार रैली निकाली।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि जेसीसी बैठक में जिस तरह से न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ को नजरअंदाज किया गया है और पुरानी पेंशन बहाली की ओर कोई सकारात्मक कदम सरकार की ओर से नहीं उठाया गया उससे प्रदेश के 1.20 लाख कर्मचारी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन कर्मचारियों का बुनियादी हक है। इस हक को 2003 में कर्मचारियों से छीन लिया गया, अगर सरकार ने कर्मचारियों को नजरअंदाज किया तो कर्मचारियों के आक्रोश को रोकना मुश्किल हो जाएगा और इसकी जवाबदेही सरकार की होगी।
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