फिल्म-शादीस्थान (Shaadisthan)
निर्देशक-राज सिंह चौधरी
कलाकार-कीर्ति कुल्हरी, राजन मोदी, निवेदिता भट्टाचार्य, मेधा शंकर व केके मेनन आदि।
सोशल मीडिया पर इस फिल्म की बड़ी चर्चा है। काफी लोगों को पसंद आ रही है लेकिन जब मैं शादीस्थान (Shaadisthan) फिल्म देखने बैठा तो मुझे आशा और निराशा दोनों ही हाथ लगी। सबसे पहले आशावादी बातें कर लेते हैं। फिल्म में यह देखकर अच्छा लगा कि फिल्म की कहानी चलती फिरती लगती है। वह एक लोकेशन पर अटक नहीं जाती। टैक्सी की स्पीड जैसी ना सही, कम से कम धीमी गति के समाचार की तरह बैकड्रॉप बदलती तो रहती है। फिल्म से यह आशा भी बंधती है कि सामान्य बजट में भी संवेदनशील फिल्में बनाई जा सकती हैं और अगर कलाकार प्रभावी अभिनय कर दें तो सोने पे सुहागा। यह पॉजिटिव प्वाइंट शादीस्थान (Shaadisthan) के लिए जुड़ते हैं। क्योंकि एक टैक्सी के भीतर बैठे कुछ किरदारों के जरिये कहानी में दो परिवेश की सोच दिखाई गई और इसके लिए फास्ट म्यूजिक की तरह उछलकूद की शैली को नहीं अपनाया गया है। डायरेक्टर राज सिंह चौधरी ने बड़े ही धैर्य के साथ काम लिया है। उन्होंने कहानी कहने की एक रोचक शैली अपनाई है। जिसे शहरी दर्शक वर्ग काफी पसंद भी कर रहे हैं।
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