नई दिल्ली, 01 नवंबर। वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अक्टूबर में बढ़कर 1.30 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो लगातार चौथे महीने एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर है और त्योहारी सत्र की तेजी को दर्शाता है। जीएसटी के एक जुलाई 2017 को लागू होने के बाद, यह दूसरा सबसे बड़ा संग्रह है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने जीएसटी संग्रह अक्टूबर 2020 की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक था।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘अक्टूबर 2021 में सकल जीएसटी राजस्व 1,30,127 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सीजीएसटी 23,861 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 30,421 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 67,361 करोड़ रुपये (माल के आयात पर जमा 32,998 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 8,484 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 699 करोड़ रुपये सहित) है।’
सीजीएसटी का अर्थ केंद्रीय वस्तु और सेवा कर, एसजीएसटी (राज्य वस्तु और सेवा कर) और आईजीएसटी (एकीकृत वस्तु और सेवा कर) है। बयान में कहा गया कि जीएसटी संग्रह के आंकड़े आर्थिक सुधार के रुझानों से मेल खाते हैं और यह दूसरी लहर के बाद से हर महीने जनरेट होने वाले ई-वे बिलों के रुझानों से भी स्पष्ट है। मंत्रालय ने कहा कि यदि अर्धचालकों(सेमीकंडक्टर्स) की आपूर्ति में बाधा से ऑटो तथा अन्य उत्पादों की बिक्री प्रभावित नहीं होती, तो राजस्व संग्रह और भी अधिक होता।
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