धर्मशाला(कांगड़ा), 17 मई। हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले की जांच कर रही एसआईटी को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस मामले के मास्टमाइंड को गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी सोमवार देर रात यूपी के बनारस से हुई है। पुलिस टीम ने उसके एक और साथी को भी दबोच लिया है। इन दोनों को एसआईटी टीम धर्मशाला लेकर आ रही है। इन्हें धर्मशाला कोर्ट में पेश करके पुलिस रिमांड मांगा जाएगा। साथ ही इनसे पूछताछ के आधार पर इस मामले में बड़े खुलासे हो सकते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार एसआईटी ने कड़ी मशक्कत के बाद मास्टरमाइंड शिव बहादुर को बनारस से गिरफ्तार किया है। वहीं इस टीम को दोहरी उस समय हाथ लगी, जब शिव बहादूर का साथी अखिलेश भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इन दोनों को हिरासत में लेने के बाद धर्मशाला लाया जा रहा है। इनकी गिरफ्तारी के बाद चारों तरफ से घेरी जा रही जय राम सरकार ने राहत की सांस ली है।
गौर हो कि इस मामले में कांग्रेस प्रदेश सरकार को घेरने में जुटी हुई है और एसआईटी तक पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं इस मामले में पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह जताया जा रहा है। ऐसे में मास्टर माइंड की गिरफ्तार के चलते अब इस रैकेट के पीछे के कई चेहरे बेनकाब होने की उम्मीद बंधी है।
ज्ञात रहे कि पुलिस भर्ती लिखित परीक्षा का पेपर लीक करके बेचने के मामले में एसआइटी अब तक हिमाचल के ही विभिन्न जिलों से 20 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, इनमें अधिकतर अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने मोटी रकम देकर पेपर खरीदा था और अच्छे नंबरों से पास हुए थे। वहीं इसम मामले में कुल गिरफ्तारियों का आंकड़ा 24 तक पहुंच गया है।
मुख्यमंत्री ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का ऐलान किया
शिमला, 17 मई। हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले को गंभीर मानते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसकी जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा की है। उन्होंने मंगलवार को अपने सरकारी आवास ओकओवर में पत्रकार वार्ता में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्र लीक की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके तार बाहरी राज्यों से भी जुड़े हुए हैं और पुलिस से जुड़ा मामला होने के चलते इसकी निष्पक्ष व पारदर्शी जांच करवाने के लिए राज्य सरकार ने इसे सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि जैसे ही इस मामले का खुलासा हुआ उन्होंने तुरंत मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने का ऐलान किया। एसआईटी ने इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच की और अब तक 73 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक मामले में एसआईटी ने बेहतरीन काम किया है। एसआईटी की टीम ने इस पूरे प्रकरण के दो मास्टर माइंड अभियुक्तों को उत्तर प्रदेश के वाराणसी और बिहार से गिरफ्तार किया गया है। वाराणसी से शिव बहादुर और बिहार से अमन नामक अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं। ये दोनों प्रश्नपत्र लीक प्रकरण के मास्टरमाइंडों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में संलिप्त 10 अभियुक्तों की गिरफ्तारी बाहरी राज्यों से हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआईटी ने एजेंटों के माध्यम से 8.49 लाख रूपये की नकदी जब्त किया है। साथ ही 15 मोबाइल, एक लैपटाप, एक कार और दसवीं के कुछ मूल प्रमाण पत्र भी कब्जे में लिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने इस मामले में भले ही बेहतरीन कार्य किया है, लेकिन निष्पक्ष व पारदर्शी जांच व मामले के तार बाहरी राज्यों से जुड़े होने की वजह से इसे सीबीआई के हवाले करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई की जांच प्रक्रिया शुरू होने तक एसआईटी अपनी जांच जारी रखेगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक मामले में उनकी सरकार ने गंभीरता से लिया और मामला संज्ञान में आने के तुरंत बाद प्राथमिकी दर्ज कर दी गई। इसके बाद लिखित परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया और मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा की नई तिथि जल्द घोषित की जाएगी। गौरतलब है कि पुलिस कांस्टेबल के 1334 पदों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 27 मार्च 2022 को हुई थी। करीब 75 हजार अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में हिस्सा लिया था।
पूजा-अर्चना:
सीएम ने मां बगलामुखी मंदिर में शीश नवायाअंशदान:
पुलिस के ऑर्केस्ट्रा हार्मनी ऑफ द पाइंस की टीम ने सुख आश्रय कोष में दिए दो लाखशीश नवाया:
सीएम ने तारा देवी मंदिर में की पूजा-अर्चनाभेंटवार्ता:
मुख्यमंत्री से मिले पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्माभेंटवार्ता:
मुख्यमंत्री ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और एआईसीसी प्रदेश सचिव तेजिंदर पाल सिंह बिट्टू से की भेंट