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जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं केशवपुरम के प्रतिनिधिः दीपिका

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Thursday, September 02, 2021 18:33 PM IST
जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं केशवपुरम के प्रतिनिधिः दीपिका

नई दिल्ली,02 सितंबर। दिल्ली बेशक देश की राजधानी हो, परंतु आज भी यहां के निवासियों को आए दिन किसी ना किसी समस्या से दो चार होना पड़ता है। ऐसा ही एक क्षेत्र है केशवपुरम। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा के राजनीतिक कर्मक्षेत्र केशवपुरम ने समय के साथ-साथ बहुत बदलाव देखें हैं। यहां पर थाना, एमसीडी का केशवपुरम जोन कार्यालय आदि होने के बावजूद लंबे समय से कई समस्याएं व्याप्त हैं। स्थानीय निवासी समय-समय पर इन समस्याओं को कई मंचों पर उठाते रहे हैं। क्षेत्र की समस्याओं को लेकर एफआईआरलाइवडॉटकाम के लिए दीपक खुल्बे ने युवा नेता और सामाजिक कार्यकर्ता दीपिका वाधवा से बातचीत की। दीपिका पेशे से सीए हैं और जिला आदर्श नगर महिला कांग्रेस की महासचिव। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश...

प्रश्नः केशवपुरम में थाना होने के बावजूद आपराधिक वारदातें बढ़ी है।

उत्तरः यह बात सही है कि आजकल यहां आपराधिक वारदातें पहले के मुकाबले काफी बढ़ गई हैं, विशेषतौर पर कोरोना काल में। क्षेत्र में रोजाना लूटपाट, मोबाइल और चेन छीनने जैसी वारदातें हो रही हैं। जिससे यहां के बुजुर्ग हो, महिलाएं हों, युवा हों या बच्चे सभी के अंदर असुरक्षा की भावना पनपने लगी है। वे दिन में भी सड़क पर चलने से डरने लगे हैं। इसके पीछे मुख्य कारण ये भी है कि यहां के विधायक हो या पार्षद हो या जनप्रतिनिधि वे अपनी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते हैं। यदि वे अपनी जिम्मेदारी लें और क्षेत्र में चौकसी बढ़ाई जाए तो इन वारदातों पर अंकुश लग सकता है।

प्रश्नः रात में कई जगह स्ट्रीट लाइट नहीं जलती, जिससे असुरक्षा महसूस होती है।

उत्तरः ये बात बिल्कुल सही है कि यहां पर कई पार्कों में या गलियों में या सड़कों में लाइट की व्यवस्था सही नहीं है, जिससे बहुत ज्यादा असुरक्षा महसूस होती है। इसके लिए कांग्रेस लगातार आवाज उठा रही है। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में यहां पर सभी बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध करवाया था। अब कांग्रेस सत्ता में नहीं है, फिर भी किसी जगह पर स्ट्रीट लाइट लगवानी हो या उसका रखरखाव का मुद्दा हो तो हमारे जैसे कांग्रेस कार्यकर्ता इस समस्या का हल करवाने की पूरी कोशिश करते हैं। इसके अलावा स्ट्रीट लाइट लगाना ही समस्या का एकमात्र हल नहीं है, इसका सही रखरखाव भी बहुत जरूरी है।

प्रश्नः रात में पार्कों या सड़क के किनारे गाडियों में बैठकर लोग शराब पीते हैं, जिससे क्षेत्र का माहौल खराब होता है।

उत्तरः क्षेत्र में ये बहुत ही गलत हो रहा है। रात को पार्क में घूमना हो या अन्य कोई काम, इन शराबियों के कारण यहां के निवासी घर से बाहर निकलने में डरते हैं, विशेषतौर से महिलाएं। इन शराबियों द्वारा कई बार महिलाओं पर फब्तियां भी कसी जाती हैं। ऐसे में क्षेत्र की सुरक्षा की दृष्टि से इन शराबियों पर वैसे ही जुर्माना लगाना चाहिए, जैसे कि यातायात नियम तोड़ने पर ट्रैफिक पुलिस लगाती है, जिससे लोग जुर्माने से बचने के लिए नियमों का पालन करते हैं। साथ ही चौकसी बढ़ाना भी जरूरी है।

प्रश्नः यहां पर महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं!

उत्तरः जी, बिल्कुल नहीं! यहां की महिलाएं बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। जैसे की मैंने पहले भी बताया कि यहां आपराधिक वारदातों के ग्राफ में काफी तेजी आई है। विशेषतौर पर सड़क पर जा रही महिलाओं और युवतियों से लूटपाट की जा रही है। उनसे दिनदहाड़े मोबाइल फोन, चेन और पर्स छीने जा रहे हैं। जिससे वे अपने-आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही हैं। महिलाएं अपने को सुरक्षित महसूस करें इसके लिए जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं है वहां इन्हें लगाया जाना चाहिए। जो सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे हैं उन्हें तुरंत ठीक करवाया जाना चाहिए। स्ट्रीट लाइट पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। क्षेत्र में पुलिस गश्त भी बढ़नी चाहिए, जिससे महिलाएं और युवतियां अपने को सुरक्षित समझ सकें।

प्रश्नः क्षेत्र में गंभीर होती पार्किंग समस्या के समाधान के लिए क्या आपके पास कोई रोडमैप है!

उत्तरः यहां पर पार्किंग की समस्या बहुत गंभीर रूप धारण कर चुकी हैं। यहां पर बहुत सारे लोगों को पार्किंग की जगह नहीं मिलती, जिससे उनको सड़कों पर ही अपनी गाडि़यां खड़ी करनी पड़ती है। जिससे कई जगह जाम की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। साथ ही सड़कों पर गाडि़यां खड़ी करने की वजह से वे चोरों के निशाने पर आसानी से आ जाती हैं। इस वजह से कई गाडि़यां चोरी हो चुकी हैं या उनमें से कीमती सामान निकाल लिया जाता है। जनप्रतिनिधि चाहें तो इसका भी स्थायी समाधान निकल सकता है। मेरी राय है कि यहां पर कई ऐसी सार्वजनिक जगहें हैं जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है, उनको हम मल्टी लेवल पार्किंग के रूप में बदल सकते हैं। इसके साथ ही उसके ऊपर एक सुंदर से पार्क का निर्माण किया जा सकता है। ऐसे में उस जगह का सद्पयोग भी हो जाएगा और पार्किंग की समस्या का निदान भी।

प्रश्नः क्षेत्र में बस सर्विस बिल्कुल लचर हो गई है।

उत्तरः जी, ये बात बिल्कुल सही है कि यहां बस सर्विस ना के बराबर रह गई है। कई रूट बंद हो चुके हैं या उनकी सर्विस बहुत कम हो गई है। जिससे नौकरीपेशा व्यक्ति हो या कॉलेज का छात्र हो या महिलाएं सभी को अपने गंतव्य तक जाने में काफी समस्याओं को सामना करना पड़ता है। देखा जाए तो यहां मात्र 39 की सर्विस को ही संतोषजनक माना जा सकता है। नॉर्थ कैंपस की तरफ के कई रूट बंद होने और 912 की लचर सर्विस के कारण पहले के मुकाबले अब छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दिल्ली के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए यहां से कोई बस सर्विस सीधी नहीं है। जिससे लोगों को निजी वाहनों या ऑटो, टैक्सी आदि का सहारा लेना पड़ता है। जिससे उनपर आर्थिक भार पड़़ता है। यहां के निवासियों की सुविधा के लिए जनप्रतिनिधियों को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए।

प्रश्नः यहां के कई क्षेत्रों में पानी की समस्या है।

उत्तरः एक समय था केशवपुरम में चौबीसों घंटे पानी रहता था। परंतु अब यहां पानी की आपूर्ति काफी कम हो गई है। प्रेशर भी कम रहता है, जिस वजह से ऊपर के कई घरों में तो पानी ही बड़ी मुश्किल से पहुंचता है। कई जगह तो पानी का कोई तय समय भी नहीं है, जिस वजह से लोगों की डेली रूटीन काफी खराब हो गई है। कई बार सीवर का गंदा पानी भी पेयजल में मिल जाता है, जिससे कई बार लोग बीमार भी पड़ जाते हैं। पानी का प्रेशर, तय समय और पेयजल लाइन के उचित रखरखाव आदि से ही इस समस्या का समाधान हो सकता है।

प्रश्नः सड़कों पर घूमती गाय और कुत्ते परेशानी का सबब बन रहे हैं। इस समस्या का क्या हल हो सकता है!

उत्तरः क्षेत्र में लावारिस पशुओं की संख्या बढ़ने से लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर इनके एकाएक सामने आ जाने से कई बार हादसे भी हो चुके हैं। इनकी वजह से कई जगह पर जाम भी लग जाता है। प्रशासन हो या जन प्रतिनिधि शायद वे इस समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे है, इसलिए कोई समाधान भी नहीं सोच पा रहा है। यदि सही मायनों में कोशिश की जाए तो इस समस्या का भी समाधान निकल सकता है। मेरी राय में इन पशुओं के लिए कोई गौशाला या शेल्टर बनाया जाए तो समस्या का समाधान निकल सकता है।

प्रश्नः अंत में आप कुछ और कहना चाहेंगी!

उत्तरः जी, हां! यहां पर कई पार्कों का उचित रखरखाव नहीं हो रहा है। समय पर साफ-सफाई और पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई ना होने से इन पार्को में गंदगी का ढेर लग जाते है और ये बदहाल नजर आते हैं। इन पार्को की उचित देखभाल होनी चाहिए। 

 
 
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