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ऑनलाइन कवि सम्‍मेलन : सब जगह कोरोना दिख रहा ...

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Thursday, August 13, 2020 18:33 PM IST

बिलासपुर, 13 अगस्‍त। भाषा एवं संस्कृति विभाग कार्यालय बिलासपुर ने संस्कृत पखवाडे़ के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य स्तरीय संस्कृत शिक्षक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन गूगलमीट ऐप के माध्यम से जिला स्तरीय संस्कृत कवि सम्मेलन का आयोजन करवाया। आयोजन में लगभग 16 संस्कृत के विद्वानों के अपनी रचनाओं का वाचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला भाषा अधिकारी नीलम चन्देल ने की। कार्यक्रम का संचालन हिमाचल प्रदेश राज्य स्तरीय संस्कृत शिक्षक परिषद के राज्य अध्यक्ष आचार्य मनोज शैल ने किया।

खेम चन्द शास्त्री ने सरस्वती वन्दना से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कृष्ण मोहन पाण्डेय ने ‘‘कोरोना काल में मातृभूमि की महता, डॉ . सुदेश गौतम ने ‘‘ मां महामाया योगमाया की वन्दना‘‘, डॉ . श्रीधरनाथ ने ‘‘ धीरे-धीरे शीर्षक पर अभिवादन‘‘, हेमराज सहोता ने ‘‘ चीन देश की कुटिलता ‘‘,  डॉ . अमनदीप शर्मा ने ‘‘ कोरोना काल में अनुशासन की महता,‘‘ सतीश शर्मा ने ‘‘ शिरगुलाश्टक‘‘  डॉ . शिव कुमार ने ‘‘ देव भूमि हिमाचल‘‘ नीरज शास्त्री ने ‘‘ सब जगह कोरोना दिख रहा,‘‘ गोरखू राम शास्त्री ने ‘‘ कवियों के स्वागत व भारतीय संस्कृति,‘‘ सोहनलाल शास्त्री ने ‘‘ कोरोना काल में माता व पुत्री का संवाद,‘‘ नरेश मलोटिया ने ‘‘ पुण्य भूमि हिमाचल‘‘, अमित शर्मा ने ‘‘ शिव स्त्वन‘‘ पर आधारित तथा डॉ . मनोज शैल ने ‘‘ कर्म की महता‘‘ , विषय पर अपनी संस्कृत रचना का पाठ किया।      

अन्त में जिला भाषा-संस्कृति अधिकारी ने सभी कवियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है एवं समस्त भारतीय भाषाओं की जननी है। संस्कृत भाषा को देववाणी भी कहा जाता है यानि देवताओं की भाषा। संस्कृत शब्द का शाब्दिक अर्थ है परिपूर्ण भाषा।

संस्कृत भाषा पूर्णतः वैज्ञानिक है विश्व के वैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। विभाग का सदैव यह प्रयास रहता है कि भाषाओं का उत्थान प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया जाए। विभाग द्वारा नोवेल कोविड -19 महामारी के चलते अब ऑनलाइन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाया जाएगा। इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन में इन्द्र सिंह चन्देल, प्रियंका चंदेल और तनवी राणा भी श्रोताओं के रूप में उपस्थित रहीं।

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