रैहन(कांगड़ा), 11 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के फतेहपुर में एक सर्पदंश का शिकार एक युवक को समय रहते अस्पताल ना पहुंचाना महंगा पड़ा। जहरीले सांप के काटे जाने के बाद उसके परिजन उसको अस्पताल पहुंचाने के बजाय चार दिनों तक झाड़फूक ही करवाते रहे। ऐसे में जहर उसके शरीर मे फैल गया, जब उसे अस्पताल पहुंचाया गया तब तक जहर अपना काम कर चुका था। इसके चलते उसने दम तोड़ दिया।
मिली जानकारी के अनुसार फतेहपुर पंचायत के मनोह सिहाल गांव के 45 वर्षीय सनुील कुमार को चार दिन पहले जहरीले सांप ने डस लिया था। इसके तुरंत बाद डॉक्टरी इलाज शुरू करवाने के बजाय उसके परिजन उसे उपचार के लिए एक मंदिर ले जाते रहे। इस बीच जब रविवार रात को उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे सिविल अस्पताल रैहन पहुंचाया गया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे नूरपुर अस्पताल रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
यहां हैरानी की बात यह रही कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई बार आम जनता को यह संदेश दिया जाता रहा है कि सर्पदंश होने पर मरीज की झाड़फूक करवाने के बजाय उसे तुरंत बिना समय गवाए अस्पताल पहुंचाया जाए, ताकि उसे एंडी वेनम लगाकर उसकी जान को बचाया जा सके, मगर यहां एक बार फिर लोगों की लापरवाही ने एक व्यक्ति की जान ले ली।
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