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सरकाघाट की अदालत ने भाई की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Friday, September 10, 2021 18:51 PM IST
सरकाघाट की अदालत ने भाई की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

सरकाघाट (मंडी),10 सितंबर। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सरकाघाट की अदालत ने तेज धार हथियार से हत्या का आरोप सिद्ध होने पर दोषी को आजीवन कारावास और जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने बताया कि दिनांक 12/08/2015 को सरकाघाट पुलिस को मोबाइल के मध्यम सूचना प्राप्त हुई थी कि बाबू राम पुत्र घुँघर, गाँव चन्दैश तहसील सरकाघाट जिला मण्डी के घर में रह रहे किरयेदार लक्खी सिंह गाँव कमालपुर मुहल्ला होशियारपुर की मोहन लाल गाँव कमालपुर मुहल्ला होशियारपुर ने किसी तेज धार हथियार से हत्या कर दी है।

 

इस सूचना के आधार पर अन्वेषण अधिकारी उप निरीक्षक सतीश कुमार थाना सरकाघाट अपनी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे जहाँ पर बाबू राम ने पुलिस को बयान दिया था कि वह रात करीब 10:45 बजे अपने परिवार के साथ सोया था तो मोहन लाल उसके आंगन में आया और जोर जोर से चिल्लाने लगा और कहा कि मेरे भाई लक्खी को किसी ने मार दियाl यह सुनकर शिकायतकर्ता ने अपने गाँव के प्रधान को दूरभाष पर सूचित किया और गाँव के दो तीन लोगों के साथ किरायेदार के कमरे में गया तो देखा कि लक्खी सिंह कमरे के आँगन में मृत पड़ा था। उसके गले को किसी तेज धार हथियार से काटा गया था और उसका साथी मोहन लाल कुछ घबराया हुआ था और उसके मुह से शराब की बदबू भी आ रही थी। उसने यह भी बताया कि उसको पूर्ण विश्वास है कि लक्खी सिंह की हत्या मोहन लाल ने ही की है।

 

इस बयान के आधार पर सरकाघाट थाना में अभियोग सख्या 203/2015 दर्ज हुआ था। इस मामले की छानबीन उप निरीक्षक सतीश कुमार ने की और तफ्तीश पूरी होने पर मामले का चालान अदालत में दायर किया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 18 गवाहों के ब्यान कलमबंद करवाए थे। अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पाया कि आरोपी मोहन लाल पर हत्या करने का अपराध, संदेह की छाया से परे सिद्ध हुआ है और अदालत ने मोहन लाल को भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 20,000/- (बीस हजार रूपये) जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को तीन महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई है।

 

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