शिमला, 10 मई। दूरसंचार विभाग की हिमाचल प्रदेश इकाई साइबर अपराध, धोखाधड़ी आदि करने के लिए धोखाधड़ी से लिए गए मोबाइल कनेक्शन का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली (एटीआर) जैसी नवीनतम तकनीक का लाभ उठा रही है।
दूरसंचार के अतिरिक्त महानिदेशक, एचपी यूनिट, श्री रणवीर सिंह ने कहा कि एचपी यूनिट ने राज्य में विभिन्न लाइसेंस्ड टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (टीएसपी) के 3491 फर्जी कनेक्शन का पता लगाया है और लाइसेंस प्राप्त टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को एफआईआर दर्ज करने सहित गड़बड़ी करने वाले प्वाइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। पुलिस शिकायत दर्ज करने और ऐसे कनेक्शन बेचने में शामिल दस पीओएस को ब्लैकलिस्ट करने के अलावा इन कनेक्शनों को काट दिया गया है।
राज्य में मोबाइल फोन आधारित साइबर अपराधों, धोखाधड़ी आदि के मामलों में दायर शिकायतों और जनता द्वारा दर्ज की गई शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों से भी संपर्क किया गया है।
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