शिमला, 22 सितंबर। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान प्रश्न काल में चर्चा के समय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मुख्य संसदीय सचिव संवैधानिक पोस्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि वे न तो कोई नीतिगत फैसला ले सकते हैं और न ही अपनी सरकारी गाड़ी पर तिरंगा लगा सकते हैं। सीएम ने कहा कि कोई मुख्य संसदीय सचिव अपनी गाड़ी में तिरंगा लगा रहा है, ऐसी कोई बात उनके ध्यान में नहीं है। यदि लिखित में इस बारे में कोई जानकारी दी जाएगी, तो वह इस बारे इस विषय को देखेंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मुख्य संसदीय सचिव केवल सरकारी फाइल में नोटिंग दे सकते हैं। मुख्य संसदीय सचिवों को निर्णय लेने का अधिकार नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश में आठ मुख्य संसदीय सचिव हैं और दो पद अब भी खाली पड़े हुए हैं। गौरतलब है कि, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्य संसदीय सचिवों के सप्लीमेंट्री सवाल पूछने पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि जब मुख्य संसदीय सचिव मूल प्रश्न नहीं पूछते, तो उन्हें सप्लीमेंट्री सवाल पूछने का भी अधिकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस बारे में अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से व्यवस्था देने के लिए कहा था।
सीपीएस के सवाल पूछने को लेकर हुआ बवाल
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में शुक्रवार को मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) के सवाल पूछने को लेकर बवाल हुआ। प्रश्नकाल के दौरान नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर ने उद्योग से जुड़ा प्रश्न पूछा। उन्होंने पूछा कि प्रदेश में कितने उद्योग हैं और इनमें कितने हिमाचलियों को रोजगार मिला है। उद्योग मंत्री ने इस सवाल का जवाब दिया। इसी दौरान सीपीएस संजय अवस्थी ने अनुपूरक सवाल पूछा। उन्होंने पूछा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में जो सीमेंट उद्योग हैं वहां पर 70 फीसद रोजगार की शर्त को पूरा नहीं होता। सीपीएस के अनुपूरक सवाल पूछने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपत्ति जताई।
नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी की ओर से प्रश्न संख्या-830 के दौरान सप्लीमेंट्री सवाल पूछने पर आपत्ति जाहिर की थी। प्रश्न संख्या- 830 नालागढ़ के विधायक केएल ठाकुर और बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने किया था। इस सवाल में हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग औद्योगिक इकाईयों में कम हो रहे हिमाचलियों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। हिमाचल प्रदेश सरकार में मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने मूल प्रश्न-830 के बाद एक सप्लीमेंट्री सवाल किया। इस पर उद्योग मंत्री ने जवाब दिया कि जब से अडानी समूह ने देश भर के 35 सीमेंट प्लांट का अधिग्रहण किया है। इसके बाद से हिमाचल प्रदेश के सीमेंट प्लांट से कर्मचारियों को ट्रांसफर किया जा रहा है, ताकि वह अपनी नौकरी छोड़ दें। कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इस संदर्भ में नेता प्रतिपक्ष का भी सहयोग मांगा।
भोजन अवकाश के बाद शुरू हुई कार्यवाही के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने व्यवस्था देते हुए कहा कि चूंकि मुख्य संसदीय सचिव सरकार का हिस्सा हैं। ऐसे में वे सवाल नहीं कर सकते। इसके बाद मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी के अंश को विधानसभा की कार्यवाही से हटाने के निर्देश दिए गए।
सुधीर शर्मा ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों के कार्यों की गुणवत्ता पर उठाए सवाल
शिमला और धर्मशाला में स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्यों का मामला शुक्रवार को विधानसभा में गूंजा। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने दोनों शहरों में बने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों की गुणवता पर सवाल उठाया और उनकी जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग उठाई। सुधीर शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना कांग्रेस शासन के दौरान आई थी, उसके बाद भाजपा की सरकार आई और भाजपा शासन में इन प्राजेक्टों का निर्माण हुआ। लेकिन इस दौरान इनकी गुणवता का ध्यान नहीं रखा गया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी शिमला तो स्टील सिटी बन गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर ऐसे फैसले लिए जिससे इस शहर में स्टील के ढांचे खड़े कर दिए गए हैं।
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