शिमला, 19 मार्च। हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के बाद उनके परिजनों और कॉरपोरेशन के कर्मचारियों का गुस्सा भड़क उठा है। पिछले कल नौ दिन से लापता नेगी का शव बिलासपुर जिला में गोबिंद सागर झील में तैरता मिला था। आज दोपहर वाद विमल नेगी के परिजन बिलासपुर एम्स से शव लेकर पावर कॉरपोरेशन के बीसीएस मुख्यालय पहुंचे और कार्यालय के बाहर शव रखकर घंटों तक धरना-प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश सरकार से पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, निदेशक इलेक्ट्रिक देशराज को सस्पेंड करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। परिजन इस बात पर अड़े रहे कि जब तक प्रदेश सरकार इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है तो वह शव नहीं उठाएंगे। इसके बाद गुस्साए परिजनों और पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों ने बीसीएस-न्यू शिमला मार्ग पर चक्का जाम कर दिया और जमकर नारेबाजी की।
आज शाम को जैसे ही विमल नेगी का शव शिमला पहुंचा उनके परिजनों के आंसू फूट पड़े। परिजनों की हालत देख मौके पर मौजूद कर्मचारियों और अधिकारियों के अलावा स्थानीय लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी भी परिवार को ढांढस पहुंचाने के लिए मौके पर पहुंचे, तो नेगी के परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन के एमडी और निदेशक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और सस्पेंड करने की मांग उठाई।
शाम 6 बजे तक नेगी के परिजन, कर्मचारी और स्थानीय लोग प्रर्दशन करते रहे और आरोपी अफसरों पर कार्रवाई की मांग दोहराते रहे। इस दौरान पूर्व विधायक सूरत नेगी भी परिजनों के साथ सड़क पर बैठकर सरकार से कार्रवाई की मांग की।
इस दौरान मौजूद विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी ने आरोप लगाया कि उनके पति पर गलत काम करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। चीफ इंजीनियर स्तर के अधिकारी को एक-एक घंटे तक ऑफिस में फाइल लेकर खड़ा किया जाता था। उन्होंने बताया कि उनके पति बीमार चल रहे थे। डॉक्टर ने तीन दिन का रेस्ट करने के लिए कहा था लेकिन फिर भी जबरदस्ती उनसे काम करवाया जाता था। उन्होंने कहा कि काम करने से कोई दबाव में नहीं आता है, वह पिछले 22 सालों से काम कर रहे थे लेकिन उन पर गलत काम करने के लिए बार-बार दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने मांग उठाई कि सरकार कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा और निदेशक इलेक्ट्रिक देशराज को सस्पेंड करे। उन्होंने मांग की कि प्रदेश सरकार पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाए, तो सबकुछ साफ हो जाएगा।
सरकार ने एसीएस ओंकार शर्मा को सौंपी जांच, मीणा और देशराज को हटाया
प्रदर्शन से दबाव में आई प्रदेश सरकार ने विमल नेगी की मौत के मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। बुधवार शाम को आदेशों के तहत पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और निर्देशक इलेक्ट्रिकल देशराज को निगम की सेवाओं से हटा दिया गया है। जांच पूरी नहीं होने तक दोनों अधिकारी कॉरपोरेशन कार्यालय में ड्यूटी नहीं देंगे। आईएएस अधिकारी राकेश प्रजापति को पावर कॉरपोरेशन के एमडी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। जबकि सुरेंद्र कुमार को निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के साथ चक्का जाम स्थल पहुंचा भाजपा विधायक दल
शिमला : हिमाचल पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की भाखड़ा डैम से बरामद हुई लाश के साथ उनके कार्यालय के बाहर चक्का जाम कर रहे परिजनों से मिलने भाजपा विधायक दल नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुवाई में पहुंचा और काफी देर परिजनों से बात की। इस दौरान परिजनों और प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस मामले की केंद्रीय जांच एजेंसी से निष्पक्ष जांच होनी चाहिये और जब तक पावर कारपोरेशन के तीनों प्रमुख अधिकारियों को सस्पेंड नहीं किया जाता है तो वे इस स्थान से उठेंगे ही नहीं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आश्वासन दिया कि इस मामले में सरकार का अब तक रवैया हैरानीजनक है लेकिन इस मामले में हमने विधानसभा में सरकार से निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच मांगी है। हम कल फिर इस मामले को उठाएंगे और राज्यपाल से मिलकर केंद्र सरकार से भी केंद्रीय एजेंसी से जांच करवाने को लेकर मिलेंगे। उन्होंने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिये। जो भी दोषी हैं उनको बक्शा न जाए। परिजनों का आरोप है कि उन्हें बहुत प्रताड़ित किया जा रहा था और गलत काम करवाने के लिए दबाब डाला जा रहा था। परिजनों और कुछ कर्मचारी संगठनों ने कुछ संदिग्ध अधिकारियों के नाम भी बताए हैं जिस आधार पर कारवाई होनी चाहिये।
मामले की सीबीआई जांच हो: जयराम ठाकुर
शिमला, 19 मार्च। विधानसभा सत्र में संबोधन के बाद मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता विमल नेगी के मौत के मामले में बहुत सारे तथ्य सामने आए हैं। उनके लापता होने के बाद ही परिजनों द्वारा एचपीपीसीएल प्रबंधन के उच्च अधिकारियों के खिलाफ तमाम आरोप लगाए थे। ऐसी स्थिति बहुत खतरनाक है। इसके साथ ही अब पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों द्वारा भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में उच्च अधिकारियों को हटाने और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की गई है। जिस तरीके के आरोप लगाए जा रहे हैं वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सुक्खू सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही पावर कॉरपोरेशन पर तमाम तरह का आरोप लग रहे थे। यह मामला बहुत गंभीर है। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में इस तरीके की घटनाएं पहले कभी नहीं हुई। पीड़ित को निष्पक्ष न्याय मिले इसके लिए पूरे मामले की जांच सीबीआई द्वारा करवाई जानी चाहिए। दूध का दूध पानी का पानी हो सके। पीड़ित परिवार को न्याय मिलने के लिए यह बहुत जरूरी है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में नशा बेतहाशा बढ़ रहा है और सरकार झूठे आंकड़े गढ़ने में लगी है। मुख्यमंत्री कभी कहते हैं कि प्रदेश में नशा 20% कम हो गया तो कभी कहते हैं कि 30% कम हो गया। आखिर यह आंकड़े आ कहां से रहे हैं। जो नशा कुछ समय पहले तक प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में ही सीमित था वह आज प्रदेश के कोने-कोने में फैल रहा है। प्रदेश के युवाओं की जान जा रही है। प्रदेश के युवा शौचालय, सड़कों और जंगलों में नशे के ओवरडोज मर रहे हैं। वर्ष 2025 में ही 13 युवाओं की मौत समाचार पत्रों के माध्यम से रिपोर्ट हुई है। नशे के चपेट में आने से मरने वाले लोगों का असली आंकड़ा आधिकारिक आंकड़े से बहुत बड़ा है। ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा आंकड़ों की हेरा फेरी करके नशे के मामले में कमी करने की बात करना भी एक तरीके से प्रदेश में बढ़ रहे नशे के जाल को समर्थन देना है। इसलिए मुख्यमंत्री से निवेदन है वह आंकड़ों के हेर फेर करने के बाजा नशे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। भारतीय जनता पार्टी नशे के उन्मूलन को लेकर प्रतिबद्ध है और सरकार के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ी है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की बसों पर पंजाब में हमले हो रहे हैं, तोड़फोड़ हो रही है। पंजाब जाने वाले लोग काफी डरे हुए हैं। दोनों प्रदेशों के बीच सौहार्द और भाईचारा बना रहे इसके लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए। पंजाब के पर्यटक हिमाचल प्रदेश में आए उनका स्वागत है लेकिन वह हिमाचल की वादियों का लुप्त उठाने के साथ-साथ कानूनों का भी सम्मान करें। यह मामला बहुत गंभीर है इसलिए सरकार को इस मामले में गंभीरता से काम करते हुए आपस में सौहार्द बनाए की कोशिश की जानी चाहिए।