शिमला, 22 सितंबर। हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र का पांचवां दिन हंगामेदार रहा। विपक्ष ने आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का मुद्दा उठाया और सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत सदन में आउटसोर्स कर्मचारियों का मामला उठाया।
रणधीर शर्मा ने कहा कि नियम-67 के तहत सुबह उन्होंने काम रोको प्रस्ताव का नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि आज सदन की सारी कार्यवाही को रोक कर इस मामले पर चर्चा करें क्योंकि यह हजारों लोगों के रोजगार से जुड़ा मामला है। इस मुद्दे पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोक झोंक हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के जवाब के बाद विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने विपक्ष के प्रस्ताव को निरस्त कर दिया। इसके बाद विपक्ष ने नारोबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट किया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि गीता में लिखा है जो झूठ बोलता है उसे पाप लगता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष झूठ बोलता है और जोर जोर से चीखता है। उन्हेांने कहा कि छह महीने से सैलरी नहीं मिलने के विपक्ष आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लगे कर्मचारियों को पहले तीन महीने का एक्सटेंशन दिया गया। फिर दोबारा तीन महीने की सेवा विस्तार दिया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों को निकालने का जो मामला है उसमें सरकार देख रही है। जहां इनकी जरूरत होगी जैसे ऑप्रेशन थिएटर, वॉर्ड ब्वाय या अन्य स्थानों पर वहां पर इनकी सेवाओं को लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जरूरत जरूरत के हिसाब से आउटसोर्स को रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 जून तक की आउटसोर्स कर्मचारियों को पूरी सैलरी मिल चुकी है। 30 सितंबर तक इनकी एक्सटेंशन की फाइल भी वित्त विभाग को गई है। इसकी सैलरी भी जल्द दी जाएगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष बिखरा-बिखरा नजर आ रहा है। नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गलतियां आपने की, भुगत हम रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से वह मुख्यमंत्री बने हैं, तब से विपक्ष के नेता ने जोर-जोर से झूठ बोलने की आदत डाली है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक खज्जल हो गए, उनकी बात ही नहीं सुन रहे।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 10 हजार के करीब आउटसोर्स कर्मचारी सड़कों पर है। 2000 कर्मचारी तो अकेले स्वास्थ्य विभाग से हटाए गए। उन्होंने कहा कि जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जिंदगी को जोखिम में डालकर काम किया, उन्हें बाहर किया जा रहा है। कोरोना काल में जब स्वजन भी अपनों से मिलना नहीं चाह रहे थे तब इन्होंने लोगों की सेवा की। उन्होंने कहा कि जिन्होंने कई लोगों की जिंदगी बचाई उनके साथ अन्याय किया तो पाप लगेगा। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि पहले ही बेरोजगारी चरम पर है। जो लोग आउटसोर्स पर लगे हैं उन्हे निकाल कर बेरोजगार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जबकि कांग्रेस सरकार सत्ता में रोजगार देने के नाम से आई हैं। आउटसोर्स कर्मचारी धरने पर बैठे हैं। बीते रोज ये मुख्यमंत्री से भी मिले सीएम ने भी इन्हें स्वास्थ्य मंत्री से मिलने का ही आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इनको निकाले जाने से काम प्रभावित हो रहा है। जल शक्ति विभाग में आउटसोर्स को नौकरी से निकालने के बाद लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। अब स्वास्थ्य विभाग में भी ऐसा ही होने जा रहा है।
भांग खेती को कानूनी रूप देने की प्रक्रिया शुरू
हिमाचल में भांग की खेती को कानूनी रूप देने की प्रक्रिया तेज हो गई है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए कमेटी गठित की गई थी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को सदन में कमेटी की रिपोर्ट रखी। कमेटी ने रिपोर्ट में अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भी भांग की खेती को कानूनी रूप देने की सिफारिश की है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में सरकार ने यह कमेटी गठित की थी। कमेटी ने उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और जम्मू कश्मीर का दौरा किया था। यहां पर भांग की खेती की जा रही है।