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निलंबित एसएचओ नादौन को गिरफ्तारी से मिली राहत  

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Friday, December 24, 2021 20:47 PM IST
निलंबित एसएचओ नादौन को गिरफ्तारी से मिली राहत  

शिमला, 24 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के उपमंडल नादौन के पुलिस थाना नादौन के निलंबित एसएचओ नीरज राणा को हाईकोर्ट से अंतरिम अग्रिम जमानत मिल गई है। नीरज राणा पर रिश्वत लेने और रंगे हाथों पकड़े जाने से बचने के लिए  विजिलेंस की टीम को जान से मारने की कोशिश करके फरार होने और गाड़ी में नशीला पदार्थ रखने का आरोप है।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार फरार चल रहे नीरज राणा ने तीन जमानत याचिकाएं दायर की थीं और इन पर प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की बेंच ने उसे राहत देते हुए अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है। जांच में सहयोग करने, कोर्ट की इजाजत के बिना देश ना छोड़ने और किसी भी जांच अधिकारी को प्रलोभन, धमकी या अन्‍य प्रकार से जांच को प्रभावित ना करने की शर्तों पर उसे यह राहत दी गई है।

 

आरोपी नीरज राणा मूल रूप से के ऊना जिला के हरोली का रहने वाला है। साल 2010 में वह बतौर सब इंस्पेक्टर भर्ती हुआ था। उसका प्रोबेशन ट्रेनिंग पीरियड भी हमीरपुर और नादौन थाने में ही कटा है। इसके बाद वह विजिलेंस विभाग शिमला में तैनात रहा। यहां से कांगड़ा जिला के जवाली में बतौर थाना प्रभारी बनाया गया। साल 2020 में नीरज राणा को नादौन थाने का प्रभारी तैनात किया गया था।

इस बीच किसी ने नीरज राणा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह पशुओं से लदे ट्रक को पठानकोट ले जाने की परमिशन देने के बदले 25 हजार रुपये की रिश्‍वत मांग रहा है। इस पर स्‍टेट एंटी क्रप्‍शन एंड विजिलेंस ब्‍यूरो मंडी जोन की टीम ने उसे दबोचने के लिए 21 दिसंबर को जाल बुना और वह इसमें फंस भी गया, मगर जैसे ही उसे गिरफ्तार किया जाने लगा, तो वह अपनी कार में सवार होकर विजिलेंस की टीम को कुचलने की कोशिश करते हुए फरार हो गया। इसके बाद जब फॉरेंसिक जांच टीम ने उसकी कार की जांच की तो इसमें मौजूद पर्स में से चिट्टा बरामद किया गया। इस तरह वह एक साथ तीन संगीन मामलों में फंस गया था। तब से फरार चल रहा था और इस बीच उसे सस्‍पेंड करके विभागीय जांच भी बिठा दी गई है। फिलहाल उस पर गिरफ्तार की तलवार लटक रही थी और आज उसे हाईकोर्ट से राहत मिल गई।

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