काबुल, 06 सितंबर। तालिबान ने अपने विरोधियों के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान के आखिरी प्रांत पंजशीर को नियंत्रण में लेने का दावा किया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि पंजशीर अब तालिबान लड़ाकों के नियंत्रण में है। इलाके में मौजूद चश्मदीदों ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि हजारों तालिबान लड़ाकों ने रातों-रात पंजशीर के आठ जिलों पर कब्जा कर लिया। तालिबान विरोधी लड़ाकों का नेतृत्व पूर्व उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह एवं तालिबान विरोधी अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने किया था। अहमद शाह मसूद अमेरिका में 9/11 के हमलों से कुछ दिन पहले मारे गए थे।
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी बल्ख प्रांत में कई सैकड़ों लोगों को ले जाने को तैयार चार विमान कई दिनों तक उड़ान नहीं भर पाए। प्रांतीय राजधानी मजार-ए-शरीफ में हवाई अड्डे पर तैनात एक अफगान अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि उनमें अफगान जाने वाले थे, जिनमें से कई के पास पासपोर्ट या वीजा नहीं था और इसलिए ही वे देश नहीं छोड़ पाए। वे हवाईअड्डे से चले गए हैं और स्थिति से निपटने की कोशिश जारी है।
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदशी मामलों की समिति के एक शीर्ष रिपब्लिकन ने कहा कि समूह में अमेरिकी शामिल थे और वे विमानों में सवार हो गए थे, लेकिन तालिबान उन्हें बंधक बनाकर उड़ान नहीं भरने दे रहे थे। टेक्सास के प्रतिनिधि माइकल मैककॉल ने ‘फॉक्स न्यूज संडे’ को बताया कि अमेरिकी नागरिकों और अफगान दुभाषियों को छह विमानों में सवार किया गया था।
मैककॉल ने इस बारे में कुछ नहीं बताया कि यह जानकारी उन्हें कहां से मिली। अधिकारियों और रिपब्लिकन सांसद के बयान के एक-दूसरे जुड़े होने की भी अभी पुष्टि नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों की वापसी की घोषणा की थी। बल की पूर्ण वापसी से पहले ही तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया था। विशाल हिंदू कुश पहाड़ों में स्थित, पंजशीर घाटी में प्रवेश का एक ही संकीर्ण रास्ता है।
मसूद के बेटे अहमद ने रविवार को एक बयान में हाल के दिनों में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि उसकी सेना अपने हथियार डालने को तैयार है, अगर तालिबान अपने हमले रोकने को सहमत हो जाए। कई वाहनों को रविवार रात पंजशीर घाटी में घुसते देखा गया था, जिनमें तालिबान के लड़ाके सवार थे। अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह की ओर से अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है। सालेह ने 15 अगस्त को तालिबान के राजधानी के द्वार पर पहुंचने पर राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के बाद खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया था।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में पंजशीर के निवासियों को आश्वासन दिया कि वे सुरक्षित रहेंगे, जबकि तालिबान के वहां पहुंचने से पहले कई परिवार पहाड़ों में भाग गए थे। मुजाहिद ने कहा कि ‘हम पंजशीर के माननीय निवासियों को आश्वासन देते हैं कि उनके साथ किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा, सभी हमारे भाई हैं और हम सभी को देश की सेवा तथा समान हितों के लिए काम करेंगे।’
पंजशीर घाटी में तालिबान और अहमद मसूद के नेतृत्व वाले नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) के लड़ाकों के बीच संघर्ष बढ़ गया था। तालिबान के कई प्रतिनिधिमंडलों ने वहां के कुछ प्रमुख नेताओं से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे थे। तालिबान विरोधी गुट के प्रवक्ता फहीम दशती की भी रविवार को संघर्ष में मौत हो गई।
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