श्री नैनादेवी(बिलासपुर), 19 अप्रैल। विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी की पहाड़ियों को मजबूत और सुरक्षित बनाने के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने पहाड़ियों का सर्वे शुरू कर दिया है। मंदिर के पीछे की पहाड़ी की ग्रोउनटिंग को लेकर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीआईसी) चंडीगढ़ की एक टीम यहां पहुँची है।
मंदिर न्यास के अध्यक्ष राजकुमार ठाकुर तथा मंदिर न्यास के सहायक अभियंता प्रेम शर्मा इस दौरान जीएसआई की टीम के साथ उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले जीआईसी के डायरेक्टर के साथ मंदिर न्यास के आयुक्त पंकज राय के साथ इस पहाड़ी की ग्रोउनटिंग के लिए एक मीटिंग हो चुकी थी। इसके लिए मन्दिर के पीछे भाग की पहाड़ी को और पक्का करने की कार्य योजना तैयार की जा रही थी।
मंदिर के पीछे की तरफ पहाड़ी एवं चटाने गिरने के कारण मंदिर न्यास के परिसर को खतरा पैदा हो गया था। इसलिए इसे पक्का और सुरक्षित बनाने की योजना पर काम चल रहा था। पहाड़ी की ग्रोउनटिंग के लिए लगातार जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया चंडीगढ़ के साथ संपर्क में थे ताकि मंदिर की पहाड़ी को कोई खतरा ना हो। जीएसआई चंडीगढ़ के अलावा आईआईटी रुड़की इंडिया के एक्सपर्ट भी यहां का निरीक्षण कर चुके हैं। अब इसका अंतिम सर्वे करवाकर इस कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
वर्ष 1977 में श्रीनयना देवी में भारी भूस्खलन हुआ था। इसके चलते भारतीय स्टेट बैंक, पुराना भवन तक की पहाड़ी को अनसेफ घोषित किया गया था। यह रिपोर्ट नगर परिषद के पास उपलब्ध है। पहाड़ी में लगातार रिस रहा पानी तथा पानी का निकास सही ना होने के कारण पहाड़ी को लगातार खतरा बना हुआ है। इस पहाडी को तथा पुराने रास्ते व बाज़ार को बचाने के लिए अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया था। अब जीआईसी चंडीगढ़ के साथ मंदिर के पिछले भाग को पक्का करने के लिए नई कार्य योजना तैयार होगी।
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