Monday, December 11, 2023
BREAKING
मुख्यमंत्री सुक्‍खू आउटलुक बिजनेस मैगजीन के चेंजमेकर्स आफ द ईयर-2023 में शामिल व्यवस्था परिवर्तन का एक साल: धर्मशाला पहुंचेंगे 30 हजार लोग: पठानिया सरकार के एक सालाना समारोह के प्रबंध समन्‍वय में सुधीर शर्मा भी शामिल ई-टैक्सी की खरीद के लिए ऋण पर गारंटी प्रदान करेगी प्रदेश सरकार: मुख्यमंत्री व्यवस्था परिवर्तन का एक साल पूर्ण होने पर धर्मशाला में होगा राज्य स्तरीय समारोह: मुख्यमंत्री आर्मी बॉयज स्पोर्ट्स कंपनी में ट्रायल 5 फरवरी से बैंगलोर में बालिकाओं की विवाह योग्य आयु बढ़ाने को गठित होगी समिति: सीएम पिकअप खाई में गिरी, 6 की मौत, 6 गंभीर हिमाचल में इंतकाल के 13,950 और तकसीम के 527 मामले निपटाए सरकार का एक वर्ष पूर्ण होने पर समारोह में आयेंगे राहुल व प्रियंका: मुख्यमंत्री
 

कृषि मंत्री ने प्राकृतिक कृषि पद्धति पर शोध के लिए राष्ट्रीय संसाधन केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Sunday, July 17, 2022 17:42 PM IST
कृषि मंत्री ने प्राकृतिक कृषि पद्धति पर शोध के लिए राष्ट्रीय संसाधन केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया

शिमला,17 जुलाई। ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन एवं मत्स्यपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित राज्यों के कृषि एवं बागवानी मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के उपरांत आज यहां बताया कि सम्मेलन में हिमाचल में कृषि व बागवानी विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।

 

उन्होंने कहा कि दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय को दोगुना करने के विज़न को साकार करने के लिए कृषि की दशा और दिशा तय करने पर सार्थक चर्चा की गई। प्रदेश ने इस सम्मेलन के माध्यम से कृषि से जुड़े विभिन्न विषय केन्द्रीय कृषि मंत्री के समक्ष उठाए। हिमाचल में हिमालय क्षेत्र की प्राकृतिक कृषि पद्धति पर शोध एवं विकास के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का संसाधन केन्द्र स्थापित करने का आग्रह किया गया।

 

प्रदेश में बीज आलू के उत्पादन का विषय उठाते हुए उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व सिस्ट नेमाटोड से प्रभावित होने के कारण प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में इसका उत्पादन रोक दिया गया था। उन्होंने अनुरोध किया कि इसका उत्पादन पुनः शुरू करना आवश्यक है और प्रदेश के उन क्षेत्रों में जहां सिस्ट नेमाटोड का प्रकोप नहीं है, वहां भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वित्तपोषित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाए।

 

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्राकृतिक कृषि निश्चित रूप से रसायनिक कृषि का ऐसा विकल्प है, जो खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा और समृद्ध किसान से आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाने का माध्यम बन सकता है। हिमाचल ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। प्रदेश ने प्राकृतिक खेती में पहल करते हुए जून, 2018 से अब तक एक लाख 74 हजार किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया है और एक लाख 71 हजार किसानों ने 10 हजार हेक्टेयर भूमि में रसायनमुक्त खेती शुरू कर दी है।

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में इसी वर्ष से जापान और भारत की सहायता से एक हजार करोड़ रुपये की लागत से जाइका चरण दो फसल विविधिकरण का कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है। वर्ष 2029 तक चलने वाले इस कार्यक्रम के अन्तर्गत किसानों की आय को बेसलाइन पर प्रति हेक्टेयर 62409 रुपये से बढ़ाकर दो लाख 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम से लगभग 10 हजार किसानों को लाभ होगा।  

 

कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने सम्मेलन में एकीकृत कृषि मॉडल के विषय पर चर्चा करते हुए इस दिशा में आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्यपालन, ग्रामीण विकास एवं अन्य सम्बद्ध गतिविधियों को एक समग्र दृष्टि से देखते हुए एकीकृत मॉडल की दिशा में आगे बढ़ना होगा। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि किसान परिवार को एक ही है, जो खेती करता है लेकिन अलग-अलग विभाग उसके लिए विभिन्न योजनाएं चलाते हैं, जो बहुत बार समानान्तर, विरोधाभासी, आपस में प्रतियोगी या किसान हित से परे हो जाती हैं।

 

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों की चुनौती से पार पाते हुए प्रदेश के मेहनतकश किसानों ने बेमौसमी सब्जियों, फूलों, परम्परागत अनाजों और फलों के उत्पादन में अपनी अलग पहचान बनाई है। हिमाचल प्रदेश कश्मीर के बाद देश में सबसे बड़ा उत्पादक है। डबल इंजन सरकार की किसान बागवानों के लिए कल्याणकारी नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने में भी हिमाचल अग्रणी रहा है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश को कृषि कर्मण पुरस्कार और ई-नाम में पीएम एक्सीलेंस इन सिविल सर्विस अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं।

 

कांगड़ा के शाहपुर में लहलहाई सेब की फसल

सफलता की कहानी : कांगड़ा के शाहपुर में लहलहाई सेब की फसल

फलदार पौधों का कोहरे से करें बचाव, ये हैं उपाय

सलाह : फलदार पौधों का कोहरे से करें बचाव, ये हैं उपाय

बागवानों का शोषण रोकने को गठित कमेटी के अहम निर्णय, जीएसटी पर मिलेगा अनुदान

बैठक : बागवानों का शोषण रोकने को गठित कमेटी के अहम निर्णय, जीएसटी पर मिलेगा अनुदान

सेब सीजन में बागवानों का शोषण रोकने को सीएस की अध्यक्षता में गठित होगी समिति: सीएम

फैसला : सेब सीजन में बागवानों का शोषण रोकने को सीएस की अध्यक्षता में गठित होगी समिति: सीएम

आम व नींबू के लिए मंडी मध्यस्थता योजना मंजूर, 1250 मीट्रिक टन आम खरीदा जाएगा

फैसला : आम व नींबू के लिए मंडी मध्यस्थता योजना मंजूर, 1250 मीट्रिक टन आम खरीदा जाएगा

हिमाचल में कृषि के लिए नवोन्मेषी प्रयास, 628.52 करोड़ रुपये का प्रावधान

आर्थिकी : हिमाचल में कृषि के लिए नवोन्मेषी प्रयास, 628.52 करोड़ रुपये का प्रावधान

फॉल आर्मी वर्म से मक्की के बचाव के लिए करें कौराजेन का स्प्रे, बीडीओ ऑफिस में उपलब्ध

कृषि सलाह : फॉल आर्मी वर्म से मक्की के बचाव के लिए करें कौराजेन का स्प्रे, बीडीओ ऑफिस में उपलब्ध

हिमाचल के 10 लाख किसान परिवारों को 1931.63 करोड़ के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरित

किसान सम्मान : हिमाचल के 10 लाख किसान परिवारों को 1931.63 करोड़ के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरित

VIDEO POST

View All Videos
X