मैक्लोडगंज(कांगड़ा), 18 मई। अमेरिकी सरकार की ओर से मानव अधिकारों, लोकतांत्रिक शासन और मानवीय प्राथमिकताओं के मद्देनजर भारत भेजी गई भारतीय मूल की उजरा जेया आज निर्वासित तिब्बत सरकार के कार्यालय पहुंची। उनके साथ अमेरिकन दूतावास की एक और प्रतिनिधि पेट्रीसिया ए. लसीना भी मौजूद थीं। कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचने पर उनका निर्वासित तिब्बत सरकार और तिब्बतियों ने भव्य स्वागत किया। यहां से वे सड़क मार्ग से अप्पर धर्मशाला में स्थित निर्वासित तिब्बत सरकार के सचिवालय पहुंचीं और आवश्यक बैठकें कीं।
इस दौरे के दौरान वो निर्वासित तिब्बतियों द्वारा चलाये जा रहे स्कूलों और सांस्कृतिक उत्थान केंद्रों को दौरा भी करेंगी और इस दौरान उनके तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा से भी मिलने का कार्यक्रम है। उधर, उनके इस दौरे से निर्वासित तिब्बती समुदाय में खुशी का माहौल है। तिब्बती नागरिकों ने बताया कि लेडी पेट्रीसिया का यहां आना उनके लिये बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि वो यहां निर्वासित तिब्बतियों के बीच दो दिन गुजाकर कर उनके निर्वासित जीवन की चुनौतियों के अलावा निर्वासित तिब्बती सरकार की गतिविधियों को समझ कर विश्व पटल पर उनका पक्ष मजबूत करेंगी।
उजरा जेया और पेट्रीसिया के इस दौरे को निर्वासित तिब्बतियों में उनकी वतन वापसी को लेकर चलाए जा रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को मजबूती मिलेगी और चीन पर दबाव बढ़ेगा। ज्ञात रहे कि अमेरिका पहले भी चीन के किसी दबाव में आए बिना निर्वासित तिब्बत सरकार और धर्मगुरु दलाईलामा के प्रयासों का समर्थन करता आया है। हाल की के कुछ वर्षों में जिस प्रकार से अमेरिका ने निर्वासित तिब्बतियों के पक्ष को मजबूती से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया है उससे निर्वासित तिब्बत सरकार का पक्ष काफी मजबूत हुआ है।
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