Friday, April 26, 2024
BREAKING
खुलकर सामने आ रहे हैं कांग्रेस के आमजन विरोधी इरादे : जयराम ठाकुर कांगड़ा बाईपास पर राजीव की फूड वैन देख रुके सीएम सुक्‍खू शिमला में चार साल की मासूम से दुष्‍कर्म चंबा फ़र्स्ट के लिए मोदी ने चंबा को आकांक्षी ज़िला बनाया : जयराम ठाकुर बिकाऊ विधायक धनबल से नहीं जीत सकते उपचुनाव : कांग्रेस तीन हजार रिश्‍वत लेते रंगे हाथों दबोचा एएसआई 23 वर्षीय युवती ने फंदा लगाकर की आत्‍महत्‍या सरकार उठाएगी पीड़ित बिटिया के इलाज का पूरा खर्च: मुख्यमंत्री युवक ने दिनदिहाड़े छात्रा पर किए दराट के एक दर्जन वार, हालत गंभीर पीजीआई रेफर राज्य सरकार के प्रयासों से शिंकुला टनल को मिली एफसीए क्लीयरेंस: सीएम
 

कवि गोष्ठी: सरहदों ने बांट दिया गधे का प्यार

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Sunday, September 06, 2015 17:36 PM IST

सरहद न होती तो हर शाम तूं मेरे यहां होती
मैं भारतीय गधा और तूं पाकिस्तान गधी साथ-साथ चरते
न मैं भारत से डरता न तूं पाकिस्तान से डरती
जब भी मिलते हरी घास की चादर पर तो प्यार भरी बातें होती
होता वो सबकुछ जो दो प्रेमी हैं करते, न मैं सरहद के बंधन में होता
न तू पाकिस्तान की सरहद के उस पार होती
अगर ये सरहद न होती तो शायद आज हमारी बगिया में
दो फूल भी खिल गए होते
मगर सरहद ने सबकुछ बांटकर रख दिया,
गधे होकर भी हमें इंसानों ने भारत और पाकिस्तान में बांध दिया
अब कैसे परवान चढ़ेगा एक गधे और गधी का प्यार
तूं सरहद के है उस पार, मैं हूं सरहद के इस पार
चल रही गोलियां के बीच न मेरा मालिक मुझे खुला छोड़ रहा
न ही तेरा मालिक लेना चाहता है कोई रिस्क मोल
सरहदों के बीच में कैसे पहुंचाउं तेरे पास दो मीठे बोल
अब तो सपने में ही तुझे निहार पाता हूं,
तेरे गधीपन को याद कर-करके थोड़ा बहुत अकेले चर पाता हूं
तेरे बिना तो हरी घास भी कड़वी लगती है
याद आती है उन दिनों की जब हम ढेंचू-ढेंचू करके
दोनों यहां से वहां तक आजाद परवानों की तरह घूमा करते थे
न मैं न ही तू फौजियों से डरा करती थी
कितने अ'छे थे वो दिन जब सरहद नहीं हुआ करती थी
क्या खाक पाया इंसानों ने इस सरहद को खींच कर
गधों को भी बांट दिया इस लकीर पर
ये सरहद न होती तो पाकिस्तानी गधी आज मेरे साथ होती
वो होती तो वैसा होता, वो होती तो ऐसा होता

प्रस्तुति: मंडयाली ठाकुर

VIDEO POST

View All Videos
X