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सीएम बोले साल के अंत तक 10 हजार भर्तियां, कांगड़ा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Wednesday, September 20, 2023 18:31 PM IST
सीएम बोले साल के अंत तक 10 हजार भर्तियां, कांगड़ा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा

शिमला, 20 सितंबर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन मुख्‍यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत तक 10 हजार नई भर्तियां होंगी। जिन पुरानी भर्तियों में पेपर लीक या भ्रष्टाचार नहीं हुआ होगा, उनका परिणाम तीन माह के भीतर निकाल दिया जाएगा। इस दौरान सदन में दस पुराने कानूनों को निरस्‍त करने पर भी मूहर लगाई गई है। वहीं सीएम ने चर्चा के दौरान बताया कि जिला कांगड़ा को टूरिज्‍म कैपिटल के रूप में विकसित करेंगे। इस दृष्‍टिकोण से प्रदेश का पहला इंटरनेशनल एयरपोर्ट धर्मशाला(गगल) में बनाने जा रहे हैं। इसको लेकर सरकार के कंसेप्‍ट को सदन में रखा जाएगा।  

 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में गठित होने वाला नया भर्ती आयोग कंप्यूटर आधारित टेस्ट लेगा। मानवीय हस्तक्षेप कम किया जाएगा और प्रश्नपत्र भी अलग-अलग तैयार किए जाएंगे। परीक्षा होने के एक हफ्ते में भर्ती परिणाम जारी होंगे। इसके तहत वरिष्ठ आईएएस अफसर को आयोग का मुख्य प्रशासक और एचएएस अफसर को प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। उन्‍होंने सदन को बताया कि प्रदेश सरकार विदेशों में रोजगार दिलाने की प्रणाली बना रही है।

 

इस दौरान कर्मचारी चयन आयोग में भ्रष्टाचार की बात उठी तो सीएम ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में अधीनस्थ सेवाएं चयन आयोग भ्रष्टाचार का अड्डा बना और पुलिस भर्ती में भी गड़बड़झाला हुआ। पेपर बकते रहे और पूर्व भाजपा सरकार आंखे मूंदकर बैठी रही। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर उनके पास पेपर बिकने की शिकायतें आईं और जांच के आधार पर कर्मचारी चयन आयोग भंग किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पूर्व आईएएस दीपक सानन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नया राज्य चयन आयोग गठित करने का निर्णय लिया है। कहा कि आंदोलनरत युवाओं के साथ अन्याय नहीं होने देंगे, भ्रष्टाचार किसी सूरत में सहन नहीं होगा।

 

उधर, नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर पेपर लीक की शिकायत हमारी सरकार के समय आई होती तो हम और भी सख्त कदम उठाते। कांग्रेस सरकार को बने नौ माह हो गए हैं लेकिन अभी तक भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी नहीं हो रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया और सारे रिजल्ट रोक दिया। जब युवा रिज़ल्ट जारी करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय आये तो मुख्यमंत्री ने उनसे एक महीनें में सभी रिज़ल्ट जारी करने का वादा किया। एक महीनें बाद जब युवा फिर पहुंचे तो मुख्यमंत्री ने तीन महीनें का समय मांगा। आज दस महीनें होने को हैं लेकिन सरकार ने लंबित भर्तियों के परीक्षा परिणाम नहीं निकाले। अब वही युवा जब मुख्यमंत्री से मिलने जाते हैं तो मुख्यमंत्री मिलते नहीं हैं। दो-दो दिन मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने बरसात में पड़े रहने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिन युवाओं ने एग्जाम पास करके टाइपिंग टेस्ट भी पास कर लिया है। जिनका डॉक्युमेंट्स वेरिफ़िकेशन भी हो गये है सरकार उनके भी रिजल्ट नहीं निकल पा रही है। आज रिज़ल्ट के इंतज़ार में युवा सड़कों पर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ उनके साथ धोखा किया है। प्रदेश के लोगों से झूठ बोला है। 

 

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की एक मात्र महिला विधायक के द्वारा पंचायत भवन के उद्घाटन कर दिया गया तो पंचायत की प्रधान को नोटिस दे दिया गया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की कार्यप्रणाली हैं। यह शर्मनाक है। सरकार पंचायत प्रधान को दिये गये नोटिस को वापस ले। इस तरह की तानाशाही ग़लत है। हम इसे नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर विधायक बता रहे है कि किस तरह से आपदा के समय राहत देने में सरकार ने भेदभाव किया और अभी भी बहुत से लोग सरकारी राहत से अछूते रह गये। इसलिए मैं मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन करता हूं कि आपदा प्रभावितों के बारे में सोचे और विधायकों की बातों को गंभीरता से लें। 

 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब बहुत समय हो गया। अब मुख्यमंत्री स्पष्ट बताएं कि वह लंबित परीक्षा के परिणामों को कब जारी कर रहे हैं। अब हर बार नई डेडलाइन वाला खेल नहीं चलेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री यह भी बताएं कि जो पांच लाख नौकरियों का वादा उन्होंने प्रदेश के लोगों से किया था। वह नौकरियां कब प्रदेश के लोगों को मिल रही है। आज लोग उन वादों को पूरा करने का इंतज़ार कर रहे है। 

 

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने पर भी मुख्यमंत्री को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक अपरिपक्व फ़ैसला लेते हुए एचएसएससी को भंग कर दिया। कल जो नया आयोग बनेगा यदि उसमें भी एक व्यक्ति अगर गड़बग़ निकल जाएगा तो क्या सरकार फिर से उन संस्थानों को बंद कर देगी। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवस्था में जो किसी प्रकार की गड़बड़ी करते हैं, किसी प्रकार का अपराध करते हैं तो उसके लिए क़ानून हैं। क़ानून के तहत उसे सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए लेकिन इस तरह से आयोग ही भंग कर देना पूर्णतः बचकाना हरकत है। उन्होंने कहा कि अगर एक विधायक गड़बड़ हो जाए तो विधान सभा भंग नहीं की जा सकती है।  

 

पुराने और अनुपयोगी हुए 13 कानून खत्म होंगे

 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में हिमाचल प्रदेश निरसन विधेयक 2023 पेश किया। यह विधेयक आगामी दिनों में पारित होगा। कुछ कानून अंग्रेजों के जमाने के बने हुए हैं जिनकी अब कोई जरूरत नहीं। परमार, वीरभद्र, धूमल आदि सरकारों में बने कई कानून भी अब अनुपयोगी हैं।

 

ये कानून होंगे खत्म

  1. प्रेसिडेंसी लघुवाद न्यायालय अधिनयम 1882
  2. कृषक उधार अधिनियम 1884
  3. प्रांतीय लघुवाद न्यायालय अधिनियम 1887
  4. मंडी लघु वन उपज दोहन एवं अधिनियम 1997
  5. चंबा लघु वन उपज दोहन एवं नियति अधिनियम 2003
  6. पंजाब तंबाकू विक्रेता फीस निरसन अधिनयम 1953
  7. हिमाचल प्रदेश वैयक्तिक वन अधिनियम 1954
  8. पंजाब श्रम कल्याण निधि अधिनियम 1965
  9. पंजाब वृत्ति, व्यापार, आजीविका और नियोजन कराधान (हिमाचल प्रदेश निरसन) अधिनियम 1968
  10. हिमाचल प्रदेश वन परिरक्षण और वन पर आधारित आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनयम 1984
  11. हिमाचल प्रदेश निक्षेपकों के हित का (वित्तीय स्थापना में) सरंक्षण अधिनियम 1999
  12. हिमाचल प्रदेश सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम 2003
  13. हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक अधिकरण (विनिश्चित और लंबित मामलों तथा आवेदनों का अंतरण) अधिनियम 2008
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