गुवाहाटी, 22 जुलाई। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि नव गठित उग्रवादी संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनएलएफबी) के सभी सदस्य बृहस्पतिवार को आत्मसमर्पण करेंगे। जनवरी 2020 में तीसरे बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद एम. बाथा के नेतृत्व में एनडीएफबी के कुछ असंतुष्ट सदस्यों के जंगल में लौटने के बाद यह संगठन बना लिया था। यह ज्यादातर बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) में सक्रिय था। सरमा ने ट्वीट किया कि ‘एनएलएफबी के आज मुख्यधारा में लौटने के फैसले से यह पता चलता है कि लोगों का सरकार की नीतियों में भरोसा है। मैं उनकी घर वापसी का स्वागत करता हूं।’
उन्होंने कहा कि असम सरकार बीटीआर के संपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वह बोडो लोगों की विशिष्ट सामाजिक-सांस्कृतिक तथा राजनीतिक पहचान की रक्षा करेगी। पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पूरा संगठन आत्मसमर्पण करेगा। बहरहाल, उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि उग्रवादी समूह के कितने उग्रवादी हथियार छोड़ेंगे।असम पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि एनएलएफबी प्रमुख एम बाथा के साथ अन्य सदस्य आत्मसमर्पण करेंगे।
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