शिमला, 05 मार्च। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान प्रदेश में नशा मुक्ति केंद्रों को लेकर सवाल-जवाब हुए और इनके सुधार व संख्या को लेकर सदस्यों की चिंताएं सामने आईं। इस दौरान विधायकों के सवालों के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे। नशे की रोकथाम के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि नशे की रोकथाम के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर शिकंजा कसने की भी नीति बनाई जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह जानकारी विधायक आशीष बुटेल के सवाल का जवाब देते हुए दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो सरकारी और 77 गैर सरकारी नशा मुक्ति केंद्र कार्य कर रहे हैं। कुछ केंद्रों में प्रतिबंधित दवाओं के इस्तेमाल और मारपीट के मामले सामने आए हैं। इस पर कड़ी कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि कंडाघाट में राज्य स्तरीय नशा मुक्ति केंद्र बनाया जा रहा है।
इस दौरान चर्चा के दौरान विधायक रामलाल ठाकुर ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों में सुधार लाने के लिए कुछ समय पहले उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजा था। पत्र के जवाब में कहा गया है कि प्रदेश सरकार को इससे अवगत कराया गया है। उन्होंने पूछा कि इसको लेकर सरकार ने अभी तक क्या किया है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से आए इस तरह के पत्र की उन्हें जानकारी नहीं है। इस पर रामलाल ठाकुर ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य बात क्या हो सकती है कि सरकार को पीएम के पत्र की जानकारी नहीं है। विधायक जगत सिंह नेगी ने सवाल किया कि जिस तेजी से प्रदेश में शराब के ठेके खोले जा रहे हैं, क्या उसी तरह नशा मुक्ति केंद्र भी खोले जाएंगे।
एक अन्य सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल ने बताया कि प्रदेश में नर्सों के 800 पद रिक्त हैं। 238 पदों को बैचवाइज भरा जा रहा है। सीधी भर्ती भी जल्द शुरू की जाएगी। नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रश्नकाल के दौरान नर्सिंग संस्थानों से जुड़ा मुद्दा उठाया। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एमएसई नर्सिंग में 181, बीएससी नर्सिंग में 1770, पोस्ट प्रेक्टिस बीएससी में 535, जीएनएम नर्सिंग कोर्स में 1540, और एएनएम नर्सिंग कोर्स में 310 सीटें हैं। कुल 4336 सीटें इन संस्थानों में हैं।
प्रश्न काल में यह बात भी सामने आई कि हिमाचल प्रदेश के 544 गांवों में मोबाइल फोन सिग्नल की समस्या है। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर के सवाल का जवाब देते हुए आईटी मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने बताया कि केंद्र सरकार के समक्ष इस मामले को उठाया गया है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर में 4, चंबा में 89, हमीरपुर में 31, कांगड़ा में 16, किन्नौर में 5, कुल्लू में 104, लाहौल स्पीति में 114, मंडी में 98, शिमला में 47, सिरमौर में 9, सोलन में 18 और ऊना में नौ गांवों में मोबाइल फोन सिग्नल की समस्या है। विधायक सुंदर सिंह ने कहा कि मोबाइल फोन सिग्नल न होने के चलते बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित हुई है। राशन डिपो में भी इस कारण सस्ता राशन लेने में परेशानी आ रही है।
इस दौरान सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि कांगड़ा सहकारी बैंक 82.03 करोड़ रुपये के संचित घाटे में चल रहा है। पिछले तीन वर्षों में एक फरवरी 2022 तक 16219 खाते एनपीए हुए हैं। विधायक होशियार सिंह के सवाल के लिखित जवाब में मंत्री ने बताया कि बैंक ने पुराने डिफाल्टरों के खिलाफ ऋण वसूली के लिए आरबीट्रेशन, सिविल सूट, सरफासी और व्हीकल सीजर नीति के तहत वसूली शुरू की है। जिन खाताधारकों के खाते कोरोना संकट के दौरान एनपीए में चले गए हैं, उनको अपने ऋण खातों को नियमित करने के लिए राजी किया जा रहा है। जिन्हें ऋण चुकाना मुश्किल हो रहा है, उनके खातों को वन टाइम सेटलमेंट के तहत निपटाया जा रहा है।
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