देवदार के जंगलों से लकदक, पहाड़ों और नदियों का प्रदेश हिमाचल पश्चिमी हिमालय की गोद में बसा प्राकृतिक खूबसूरती का गढ़ है। हिमाचल प्रदेश रावी, चिनाब, ब्यास, यमुना और सतलुज जैसी बड़ी नदियों का मूल क्षेत्र है। आंखों के रास्ते हृदय को प्रकृति का मर्म स्पर्श देने वाला यह क्षेत्र छुट्टियाँ मनाने के लिए हमेशा से ही बहुत ही उम्दा पसंद रहा है। सर्द मौसम हो या चिलचिलाती गर्मी हर मौसम में यहां धूप का गुलाबी स्पर्श एंजॉय किया जा सकता है। तो फिर बिना झिझके हिमाचल प्रदेश पर्यटन स्थल के नक्शे को उठाइए और चल पड़िए एक यादगार सफर पर। यहां की कुछ बेहतरीन और आसानी से पहुंच वाली खूबसूरत वादियों के बारे में हम आपको बताते हैं। आइए, जानते है इन कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में :
पहाड़ी राज्य का मुकुट और शीत मरूस्थल के नाम से मशहूर लाहुल-स्पीति के बर्फ से लदे पहाड़, रंग-बिरंगे मठ और खूबसूरत छोटे-छोटे गाँवसब कुछ आँखों में भरने लायक है। यहां साफ नीला आसमान इतना करीब लगता है कि मानो आप हाथ उठा कर छू लें।चंद्रताल, धनकर और सूरज ताल जैसी बर्फीले पानी की झीलें इसकी खूबसूरती को बयां करती हैं। यहां का प्रदूषण मुक्त वातावरण आपको यहीं बस जाने को मजबूर कर देगा। यहां तिब्बत की बौद्ध संस्कृति की लहर आपको अपना बना लेगी। आपके कैमरे की नजर को यह समझ नहीं आएगा कि कौन सा दृश्य देखूं कौन सा छोड़ूं। आप बरबस ही अपने कैमरे में इन खूबसूरत वादियों को समेटने में विलीन हो जाएंगे। बाइकर्स की तो यह घाटी हमेशा से ही पहली पसंद रही है। यहां के टेढ़े-मेढ़े रास्तों से गुज़रते हुए इन नज़ारों का लुत्फ़ उठाना अपने आप में अनूठा एहसास देता है।
रोमांच की नगरी मनाली पर्यटकों की पहली पसंद बनी रहती है। समुद्र तल से 6725 फीट की ऊंचाई पर बसी मनु की नगरी मनाली आपको पहाड़ों के साथ करीब से रु-ब-रू करवाती है। बर्फ से ढके पहाड़ पर्यटकों को यहाँ आने पर मजबूर कर देते हैं। लोग यहाँ बर्फ देखने व बर्फ से जुड़े कुछ रोमांचित खेलों का लुत्फ़ उठाने आते हैं। यहाँ आने का सबसे उचित समय सर्दियों का मौसम। इस दौरान यहाँ भारी बर्फबारी होती है। आसमान से गिरते बर्फ के फाहों के आप भी गवाह बन सकते हैं। गर्मियों का मौसम भी इसकी सुंदरता को फीका नहीं कर पाता। हरे घास के मैदानआपकी आँखों को ठंडक पहुंचा जाएंगे।
यह ब्याद नदी के तट पर बसा खूबसूरत दर्शनीय स्थल है। हालांकि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है पर कुल्लू अपना अलग महत्व बनाए हुए है। यह रोहतांग पास, ब्यास कुंड व चंद्रताल झील की भूमि है। यहाँ का तापमान न अधिक गर्म है और न अधिक ठंडा। यही कारण है कि आप यहाँ कभी भी छुट्टियाँ बिताने आ सकते हैं। पर्यटक यहाँ गर्मी से बचने के लिए आते हैं। अगर आप बर्फबारी का लुत्फ़ उठाना चाहते हैं तो दिसंबर व जनवरी सबसे उचित समय है।
कसोल (MOREPIC4)
कभी ऐसी जगह घूमने का विचार मन में आए जहां प्राकृतिक रोमांच और मंत्रमुग्ध कर देने वाले नजारे देखने के लिए जाना हो तो कसोल को अपनी सूची में सबसे ऊपर रख कर चलें। अपनी इसी खासियत के कारण कसोल साल भर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है। तोशा और खीरगंगा जैसे ट्रैक में दिन बिताना स्वर्ग सी अनुभूति करवाते हैं। कसोल हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों कावह विस्मरणीय हिस्सा है जहां न आना आपकी सबसे बड़ी भूल होगी। पार्वती घाटी व पार्वती नदी की सुंदरता यहाँ का मुख्य आकर्षण है। ये बस एक पर्यटक स्थल नहीं है जहाँ बस आप घूम आए और फिर भूल गए। यह एक एहसास है जिसे मन में कैद करने दुनिया भर से पर्यटक यहां हर साल आते हैं।
बीड़-बिलिंग को भारत की पैराग्लाइडिंग राजधानी कहा जाता है। इसने पर्यटन मानचित्र पर पिछले कुछ सालों में बहुत लोकप्रियता हासिल की है। यह घाटी सिर्फ रोमांच नहीं बल्कि ईको टूरिज़्म के लिए भी मशहूर है। जहाँ देशी सैलानियों से ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं। पैराग्लाइडिंग के वक्त आपको ऐसा लगेगा जैसे कि आप दुनिया के सबसे ऊँचे स्थान पर पहुँच गए हों और किसी आजाद परिंदे की तरह पंछ फैलाए उड़ रहे हों।
एक तरफ पार्वती घाटी औरदूसरी तरफ कुल्लू घाटी से घिरा हिमाचल प्रदेश का यह प्राचीन ग्रामीण इलाका है। चंदेरखानी व देओ टिब्बा चोटियों की छाया में बसा यह गाँव अपनी पुरातन संस्कृति के लिए विश्वविख्यात है। यहाँ का अपना अलग रहनसहन व संस्कृति है जिसके कारण पर्यटक इसकी ओर आकर्षित होते हैं। हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों में इसका किरदार बेहद अहम है। शांति व प्राकृतिक खूबसूरती का प्रतीक यह हिमालयी ग्रामीण क्षेत्र है।
देवदार, चीड़व ताड़ के पेड़ों से सजी पहाड़ों की रानी शिमला हिमाचल प्रदेश का राजधानी है। पर्वतीय स्थलों में इसकी अपनी अनोखी पहचान है। हरे भरे जंगलों ने यहां के वातावरण को हरा-भरा और तरोताज़ा बनाया हुआ है। यह प्रदेश के दर्शनीय स्थलों का वो अटूट हिस्सा है जो केवल राष्ट्रीय ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों का भी सबसे पसंदीदा गंतव्य है। प्राकृतिक नजारों भंडार व साहसिक खेलों का मुख्य स्थल। कैमरे में कैद करने लायक हर तरह के बेहतरीन नज़ारे यहां मौजूद हैं। तो शांति की खोज में यहाँ-वहाँ भटकना छोडिए और यहाँ आइए।
निर्वासित तिब्बतियों के निवास स्थान मौक्लोडगंज को छोटा ल्हासा भी कहा जाता है। कांगड़ा जिला का वह हिस्सा जो आजकल का सबसे चर्चित दर्शनीय स्थल है। ये स्थान धार्मिक व पर्वतीय स्थल का मिश्रण है। लोग यहाँ बहुत से कारणों से आते है जिसमें- आध्यात्मिकता, धौलाधार से रुबरू होना, साहसिक खेल व खूबसूरत दृश्यों का लुत्फ़ उठाना शामिल है। बौद्धों के 14वें दलाईलामा का निवास स्थान होने के कारण मैक्लोडगंज बौद्ध श्रद्धालुओं का मुख्य केंद्र हैं। इनकी पवित्र उपस्थिति के कारण यहाँ हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। यहाँ आकर आप तिब्बती बौद्धों व भिक्षुयों की जीवन-शैली को भी करीब से जान सकते हैं। यहां के त्रियुंड और लेटा जैसे खूबसूरत ट्रैक पहाड़ों को नापने का रोमांच और बढ़ देते हैं।
धर्मशाला (MOREPIC9)
धौलाधर पर्वत-श्रृंख्ला की पृष्ठभूमि लिए हुएये स्थान शोभायमान दृश्यों का पिटारा है। प्राकृतिक सुंदरता व संस्कृति का जहाँ मिलन होता है वहाँ, धर्मशाला जैसी जगह का ही जन्म होता है। हिमाचल प्रदेश के आकर्षक स्थल का यह वो क्षेत्र है जो समुद्र तल से 1475 मीटर ऊपर बसा है। अपनी लंबी छुट्टियां यहाँ गुज़ारना बहुत अच्छा फैसला हो सकता है। शांत माहौल आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। इसी माहौल में बैठकर आप अपने अंदर की व्यथा से मुक्ति पा सकते हैं। इंटरनैशनल क्रिकेट स्टेडियम यहां का मुख्य आकर्षण बन चुका है। देश-विदेश से लाखों पर्यटक हर साल इसे निहारने यहां पहुंचते हैं।
कांगड़ा (MOREPIC10)
कांगड़ा को देवी-देवताओं की भूमि कहा जाता है। क्योंकि आंतरिक शांति के लिए हर व्यक्ति प्रभु की शरण ढूँढ़ता है और कागड़ा उसके लिए एकदम मुफीद स्थान है। एक ऐसा पहाड़ी क्षेत्र जो मन को धार्मिकता के साथ-साथ अपने प्राकृतिक सौंदर्य से घेरे हुए है। यहाँ आने का सबसे उचित समय है सितंबर से जून तक का। वातावरण ताज़ी हवाओं से लिप्त व ऊँचे पहाड़ जो अपनी ऊँचाई से बादलों को स्पर्श करने लायक बना दें।