चंडीगढ़, 28 सितंबर। पंजाब कांग्रेस में अभी एक तुफान थमा था कि अचानक एक और सियासी बवंडर उठ खड़ा हुआ है। पंजाब कांग्रेस के बुजुर्ग नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह जिस नवजोत सिद्धू के चलते आज भाजपा में शामिल होने की योजना बना रहे है, आज उसी नवजोत सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर आला कमान को दोराहे पर ला कर खड़ा कर दिया है। उन्होंने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा है, जिसमें लिखा है कि ‘वे पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकते। समझौता करने से इंसान का चरित्र खत्म होता है। मैं कांग्रेस के लिए काम करता रहूंगा।‘
इसी साल 18 जुलाई को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए गए सिद्धू ने अपने इस्तीफे की वजह तो नहीं बताई है, लेकिन चर्चा है कि पहले तो वो सीएम ना बनाए जाने से नाराज थे और अब मंत्रिमंडल विस्तार, मंत्रियों के विभागों के आवंटन और अधिकारियों की तैनाती में उनकी बात ना सुने जाने के बाद उन्होंने पद छोड़ना ही बेहतर समझा। ज्ञात हो कि मंगलवार को सिद्धू के विरोध के बावजूद गृह विभाग सुखजिंदर रंधावा को दे दिया गया। इसके बाद दोपहर में ही सिद्धू का इस्तीफा जारी हो गया।
उधर, नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ‘मैंने पहले ही कहा था कि सिद्धू स्थिर आदमी नहीं है। वह पंजाब जैसे बॉर्डर स्टेट के लिए फिट नहीं है।‘ वहीं आज किसानों के पक्ष में किसान बिलों की वापसी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नवजोत सिद्धू के इस्तीफे के संबंध में प्रतिक्रिया देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। चन्नी ने कहा कि उन्हें नवजोत सिद्धू पर पूरा भरोसा है। अगर मुझसे या किसी और से नाराजगी है, तो उसे मिलकर सेटल कर लिया जाएगा।
सिद्धू के मीडिया एडवाइजर सुरिंदर डल्ला ने कहा कि नवजोत सिद्धू सैद्धांतिक राजनीति कर रहे हैं। नई सरकार ने कांग्रेस हाईकमान के नए 18 सूत्रीय फार्मूले पर कोई काम नहीं किया। पिछले 5 दिनों में नई सरकार में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। यह भी बताया जा रहा है कि चन्नी सरकार में सिद्धू 4 चेहरों के विरोध में थे। सिद्धू का तर्क था कि उन पर पहले ही दाग लगे हुए हैं, इसलिए उन्हें शामिल नहीं किया जाए। इसके बावजूद उनका विरोध दरकिनार हो गया। सिद्धू ने एडवोकेट डीएस पटवालिया को पंजाब का नया एडवोकेट जनरल बनाने की सिफारिश की। इसके बावजूद अब एपीएस देयोल पंजाब के नए एजी बन गए। सिद्धू डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा को गृह विभाग देने के पक्ष में नहीं थे। वो चाहते थे कि सीएम चरणजीत चन्नी इसे अपने पास रखें। इसके बावजूद सिद्धू की नहीं सुनी गई। होम मिनिस्ट्री रंधावा को दे दी गई।
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