शिमला, 27 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने सोची समझी रणनीति के तहत राज्यसभा चुनाव के बहाने प्रदेश की सुक्खू सरकार को अल्पमत में ला दिया है। हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा की सीट पर आज हुए चुनाव में कांग्रेस के विधायकों की क्रासवोटिंग से भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन जीत गए हैं। कांग्रेस के 6 विधायकों की क्रासवोटिंग और 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के चलते भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों को बराबर 34-34 मत पड़े। इसके बाद पर्ची के जरिये हुए टॉस में हर्ष महाजन के जीतने का दावा किया जा रहा है। हालांकि जीत की घोषणा चुनाव आयोग के अंतिम निर्णय के आधार पर की जाएगी। वहीं इसके साथ ही हिमाचल का राजनीतिक पारा बढ़ गया है और भाजपा के इस खेले में सुक्खू सरकार खतरे में पड़ी नजर आ रही है।
उधर, राज्यसभा के चुनाव के तुरंत बाद बताया जा रहा है कि कांग्रेस के छह विधायकों समेत तीन निर्देलीय विधायकों को भाजपा ने पंचकूला में स्थित एक सरकारी गेस्ट हाउस में सीआरफीएफ व हरियाणा पुलिस की कड़ी सुरक्षा में पहुंचा दिया था। इसके बाद जब शाम आठ बजे के करीब हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया, तो ये सभी विधायक वापस शिमला की ओर चल दिए हैं। इससे साफ हो गया है कि भाजपा ऑपरेशन लोटस की तैयारी में है और अभी चल रहे विस के बजट सत्र में ही भाजपा सुक्खू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। वहीं इस जीत पर खुशी जाहिर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि इस नतीजे के साथ ही सुक्खू सरकार अल्पमत में आ गई है। उन्होंने इसके लिए सीएम सुक्खू से इस्तीफे की मांग की है। वहीं सीएम सुक्खू ने इसे लोकतंत्र का हरण करार देते हुए भाजपा पर कांग्रेस के छह विधायकों के आपहरण का आरोप लगाया है। ज्ञात रहे कि इस सीट पर कांग्रेस ने मशहूर वकील एवं कांग्रेस नेता अभिषेक मनू सिंघवी को चुनाव मैदान में उतारा था।
क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा, धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा, बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र भूट्टो, गगरेट के विधायक चैतन्य ठाकुर और लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर के नाम शामिल बताए जा रहे हैं।
संघवी ने दी हर्ष महाजन को बधाई बोले फिर लौटूंगा
चुनाव के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनू सिंघवी ने हिमाचल से प्रत्याशी बनाने के लिए कांग्रेस लीडरशीप का आभार जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री और कांग्रेस के विधायकों का भी धन्यवाद करते हुए कहा कि सभी ने दिन रात परिश्रम किया। उन्होंने कहा कि वे नौ विधायक जिनमें तीन निर्दलीय भी शामिल हैं उनके साथ उन्होंने एक दिन पहले ही साथ बैठ कर खाना खाया था और इस दौरान उन्होंने पूरे समर्थन का आश्वासन दिया था। उन्होंने इन सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि इन सभी से उन्हें एक मनोविज्ञानिक शिक्षा मिली है। उन्होंने हर्ष महाजन को बधाई देते हुए कहा कि भले ही भाजपा ने जो खेल खेला है उसके बावजूद वे जीते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी कोई पार्टी जब 25 विधायकों के होते हुए भी 45 विधायकों वाली पार्टी के खिलाफ उत्मीदवार खड़ा करती है तो इससे जाहिर होता है कि वह लोकतंत्र के खिलाफ बेशर्मी से वो काम करेगी जिसका कानून इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए और विशेषरूप से हिमाचल के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। यह अगर न्यू इंडिया की परिभाषा है तो वे पुराने भारत को चुनेंगे। उन्होंने कहा कि हमने हारते-हारते भी इतिहास बनाया। उन्होंने कहा कि विरोधी खेते के इतने प्रयासें के बावजूद भी 34-34 आ आंकड़ा भारत के इतिहास में पहली बार है। इतने प्रयास के बाद भी एक ड्रा से निर्णय हुआ। उन्होंने कहा कि वह यही कहना चाहेंगे कि जो हुआ भविष्य में नहीं होनना चाहिए। उन्होंने एक शेयर पढ़ते हुए अपनी बात खत्म की कि हिमाचल से यह कहकर जा रहा हूं कि पलट के आउंगा शाखों की खुशबू ले के.....
जिन्होंने ईमान बेच दिया उनके बारे में क्या कहें: सीएम
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जिन्होंने अपना ईमान बेच दिया वो भाजपा के प्रत्याशियों को हरा कर आए हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ वोट दिया इसका कारण नाराजगी नहीं बल्कि दूसरा था जिसके बारे में सभी जानते हैं, जो हिमाचल की राजनीति में शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता इस प्रकार की संस्कृति की आदी नहीं है और वो जानती है कि उन्होंने सरकार को पांच साल के लिए चुना है। सीएम ने कहा कि जब कोई ईमान ही बेच दे तो क्या बोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने वाले 34 विधायकों में से भी कई को प्रलोभन दिए गए थे जिसकी कल्पना हिमाचल के नेता नहीं कर सकता। इसके बावजूद इन 34 विधायकों ने नैतिका, ईमानदारी का परिचय दिया, जो पार्टी के साथ खड़े हैं। अल्मत के सवाल पर सीएम ने कहा कि अभी सैशन चल रहा है इसके बारे में वहां देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तो इन बागियों को अपने घर वालों को भी जवाब देना है। वहीं मनु संघवी ने कि इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिन्होंने उनके नाम को प्रस्तावित करते हुए हस्ताक्षर किए हैं।
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