शिमला,10 दिसंबर। कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल के अगले मुख्यमंत्री का फैसला करते हुए नादौन के विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू को हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री का ताज सौंपा है। वहीं मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल पूर्व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे मुकेश अग्निहोत्री को उप मुख्यमंत्री का पद देकर संतुलन बनाने की कोशिश की है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद को लेकर पूर्व सीएम स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी एवं सांसद प्रतीभा सिंह के दावेदारी और समर्थकों के हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक दल ने सीएम का फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया था। शनिवार को कोई देरी किए बिना कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल के सीएम और डिप्टी सीएम के नामों पर सहमती दे दी। वहीं प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला और पर्यवेक्षक भूपेंद्र बघेल समेत सांसद प्रतीभा सिंह और मुकेश अग्नहोत्री की मौजूदगी में यह घोषणा की गई।
किसी प्रकार का और विवाद ना हो इसके लिए हाईकमान ने सीएम व डिप्टी सीएम को रविवार को ही शपथ दिलाने का निर्णय लिया है। शपथ समारोह कल सुबह 11 बजे होगा। वहीं सीएम व डिप्टी के नामों की घोषणा के साथ ही भावी सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू देर शाम को राज्यपाल से मिलने पहुंचे ओर उन्हें हाईकमान के फैसले से अवगत कराया।
उधर, सीएम के ऐलान के साथ ही सुक्खू के गृह जिला हमीरपुर और गांव में ढोल नगाड़े बज उठे। वहीं प्रदेश भर में उनके समर्थकों ने मिठाइयां बांट कर और पटाखे फोड़ कर जख्न मनाया। जहां हिमाचल के इतिहास में पहली बार डिप्टी सीएम बनने जा रहा है, तो वहीं हमीरपुर जिला दो सीएम देने वाला जिला बन गया है। खास बात यह है कि जहां हमीरपुर के विस क्षेत्र सुजानपुर ने पिछली बार सीएम पद के प्रत्याशी प्रो. प्रेम कुमार धूमल को हरा कर उनको राजनीति से बाहर का रास्ता दिखा दिया तो वहीं नादौन की जनता ने पहली बार कांग्रेस की सरकार बनने की स्थित में सुखविंद्र सिंह सुक्खू को जीताकर मुख्यमंत्री पद पर काबिज करने का गौरव हासिल कर लिया।
एक छोटे से किसान परिवार में जन्मे 58 साल के सुखविंद्र सिंह सुक्खू अब हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। वहीं 60 वर्षीय मुकेश अग्निहोत्री उप मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। सुखविंद्र सिंह सुक्खू हमीरपुर जिला के नादौन से विधानसभा के लिए चुने गए हैं। वह चौथी बार विधायक बने हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने एक आक्रामक राजनीति करने वाले कांग्रेस के नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। दस साल तक हिमाचल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहने वाले सुक्खू को बाद में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। उनके पास संगठन में काम करने का लंबा राजनीतिक अनुभव है।
खास बात यह है कि जब भी पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह सत्ता में रहे उनका सुखविंद्र सिंह सुख्खू के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा। इसके बावजूद वे संगठन के काम में समर्पण की भावना से जुटे रहे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी बन गए। उनके शांत स्वभाव व जुझारूपन के चलते ही वे भारी विरोध के बावजूद हाईकमान की पहली पसंद बने और हिमाचल कांग्रेस की राजनीति में परिवारवाद का अंत करने में अहम भूमिका निभाई।
हालांकि राजनीतिक पंडित अपने-अपने दावे कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के चयन में जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों को रख कर उनका चयन किया गया है। हालांकि मुकेश अग्नहोत्री को पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के करीबियों में माना जाता रहा है। माना जा रहा है कि डिप्टी सीएम पद देकर वीरभद्र सिंह समर्थकों व उनके परिवार को शांत करने की कोशिश भी हाईकमान ने की है। सुक्खू जहां राजपूत बिरादरी से आते हैं, तो वहीं मुकेश ब्राह्मण बिरादरी का नेतृत्व करते हैं।
यह है अगले सीएम का परिचय
सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 26 मार्च 1964 को हुआ था। हमीरपुर जिले की नादौन तहसील के सेरा गांव में 26 मार्च 1964 को जन्मे सुखविंदर सिंह सुक्खू के पिता रसील सिंह हिमाचल पथ परिवहन निगम शिमला में चालक थे। माता संसार देई गृहिणी हैं। सुक्खू ने शिमला में अपने संघर्ष के दिनों में दूध बेचकर गुजार किया था। सुखविंदर ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पीजी और एलएलबी की पढ़ाई की। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में उस समय की थी जब वे सरकारी कॉलेज संजौली, शिमला में छात्र थे। उनके लंबे राजनीतिक अनुभव के चलते ही कांग्रेस ने इन चुनावों से पहले उन्हें प्रचार समीति का प्रमुख बनाया था। उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जोने के साथ ही हाईकमान ने उनके कद पर अपनी मूहर लगा दी थी और प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को बहुमत देकर उन्हें सीएम की कुर्सी तक पहुंचा दिया।
सुखविंदर सिंह सुक्खू कॉलेज में राजनीति की कदमताल शुरू कर दी थी। छात्र राजनीति में रहते हुए एनएसयूआई की ओर से वे छात्र संघ के महासचिव और अध्यक्ष भी चुने गए। इसके अलावा वे 1989 से 1995 के बीच एनएसयूआई के अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद 1999 से 2008 के बीच वे युवा कांग्रेस के प्रमुख रहे। शिमला में राजनीति करते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद भी चुने गए थे। वे 2013 में हिमाचल कांग्रेस के प्रमुख के पद तक पहुंचे और 2019 तक राज्य इकाई के प्रमुख बने रहे। वर्ष 2003, 2007 और 2017 में नादौन विधानसभा क्षेत्र से सुखविंदर विधायक चुने गए। सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी का नाम कमलेश ठाकुर हैं। वहीं उनकी दो बेटियां हैं।
राज्यपाल के समक्ष नई सरकार बनाने का दावा पेश किया
नामित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को हिमाचल प्रदेश में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। नामित मुख्यमंत्री कल ऐतिहासिक रिज पर मुख्यमंत्री के पद की शपथ ग्रहण करेंगे। केंद्रीय पर्यवेक्षक दल जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं ए.आई.सी.सी. पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं ए.आई.सी.सी. पर्यवेक्षक भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सांसद राज्यसभा व इंचार्ज जी.एस.एच.पी. राजीव शुक्ला, सांसद लोकसभा व राज्य कांग्रेस अध्यक्षा प्रतिभा सिंह, पर्यवेक्षक तेजिंदर बिट्टू तथा कांग्रेस के वरष्ठि नेता मुकेश अग्निहोत्री भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने राज्यपाल को हिमाचल प्रदेश में नई सरकार बनाने का दावा करने के लिए एक औपचारिक पत्र सौंपा।
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