दुबई, 25 अक्टूबर। अमेरिका और सऊदी अरब के आतंकवाद विरोधी संयुक्त प्रयासों की निगरानी में मदद करने वाले एक पूर्व वरिष्ठ सऊदी सुरक्षा अधिकारी ने आरोप लगाया है कि देश के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने पिता के शाह बनने से पहले तत्कालीन शाह की हत्या करने की बात कही थी। पूर्व अधिकारी साद अल-जबरी ने ‘सीबीएस न्यूज’ द्वारा रविवार को प्रसारित कार्यक्रम ‘60 मिनट्स’ में दिए साक्षात्कार में अपने दावे के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं दिया।
खुफिया विभाग के पूर्व अधिकारी कनाडा में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि वह शाह अब्दुल्ला की हत्या कर सकते हैं। उस वक्त प्रिंस मोहम्मद सरकार में किसी वरिष्ठ भूमिका में नहीं थे। अपने सौतेले भाई शाह अब्दुल्ला के निधन के बाद उनका स्थान जनवरी 2015 में शाह सलमान ने लिया।
अल-जबरी ने इस साक्षात्कार के जरिए प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को चेतावनी दी कि उनके पास एक वीडियो है जो शाही घराने से जुड़े कई राज और अमेरिका से संबंधित गोपनीय बातों का खुलासा करता है। अल-जबरी के ये आरोप 36 वर्षीय क्राउन प्रिंस पर दबाव बनाने का उनका हालिया प्रयास है।
अल-जबरी की दो संतानें सऊदी अरब में हिरासत में हैं। कथित रूप से अल-जबरी को देश लौटने के लिए मजबूर करने के इरादे से ऐसा किया गया है। अगर अल-जबरी देश लौटते हैं तो उन्हें उनके पूर्व अधिकारी पूर्व गृह मंत्री रह चुके ताकतवर नेता प्रिंस मोहम्मद बिन नाएफ की तरह नजरबंद किया जा सकता है या जेल भेजा जा सकता है। मौजूदा क्राउन प्रिंस ने 2017 में नाएफ को पद से हटा दिया था।
अल-जबरी (62) ने कहा कि ‘क्राउन प्रिंस तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक वह मुझे मरता हुआ न देख लें क्योंकि वह मेरे पास मौजूद सूचनाओं से भयभीत हैं।’ उन्होंने प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को ‘मनोरोगी, कातिल’ करार दिया। मोहम्मद बिन सलमान उस वक्त दुनिया में सुर्खियों में आ गए थे जब यह पता चला कि उनके लिए काम करने वाले सहयोगियों ने सऊदी के आलोचक रहे पत्रकार जमाल खशोगी की अक्टूबर 2018 में तुर्की स्थित सऊदी के दूतावास के अंदर हत्या कर दी गई थी। तुर्की के अधिकारियों द्वारा वाणिज्य दूतावास के अंदर से रिकॉर्डिंग लीक होने के बाद सउदी ने दावा किया कि यह खशोगी को देश में लाने का एक प्रयास था जो सफल नहीं हो पाया।
इसके विपरीत अमेरिकी खुफिया आकलन के बावजूद क्राउन प्रिंस ने इस अभियान के बारे में किसी भी तरह की जानकारी से इनकार किया। अल-जबरी ने दावा किया कि आंतरिक मंत्री के रूप में खुफिया प्रमुख रहे प्रिंस मोहम्मद बिन नायेफ के साथ 2014 में बैठक में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि वह अपने पिता को गद्दी पर बैठाने के लिए शाह अब्दुल्ला की हत्या कर सकते हैं।
अल-जबरी ने दावा किया कि प्रिंस मोहम्मद ने नायेफ से कहा कि ‘मैं शाह अब्दुल्ला को मारना चाहता हूं। रूस से मैंने एक जहर भरी अंगुठी मंगाई है। बस मैं उनसे हाथ मिलाऊंगा और उनका खात्मा हो जाएगा।’ उन्होंने दावा किया कि इस बैठक का वीडियो उनके पास अब भी मौजूद है। वहीं, सऊदी सरकार ने ‘सीबीएस न्यूज’ से कहा कि अल-जबरी ‘एक बदनाम पूर्व सरकारी अधिकारी हैं, जिनका अपने वित्तीय अपराधों को छिपाने के लिए मनगढंत कहानियां गढ़ने और ध्यान भटकाने का एक लंबा इतिहास रहा है। सरकार ने अल-जबरी के प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया है और इंटरपोल नोटिस जारी किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि वह भ्रष्टाचार के आरोपों में वांछित हैं, जबकि अल-जबरी का दावा है कि उन्होंने यह दौलत शाहों की सेवा के दौरान अर्जित की है।
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