कुल्लू/शिमला, 25 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सियासत उफान पर है। राजीनतिक पार्टियां कहीं बागियों से परेशान हैं तो कहीं प्रत्याशियों को लेकर माथापच्ची करने को विवश देखी गईं। नामांकन के अंतिम दिन मंगलवार को भी राजनीतिक उठापटक देखी गई। भाजपा ने चंबा के बाद कुल्लू में भी अपने प्रत्याशी को ऐन मौके पर बदल दिया है। खासकर रिवाज बदलने का दावा कर रही भाजपा खुद परिवारवाद के जाल में उलझी दिख रही है।
हिमाचल भाजपा के लिए बागी खासी दिक्कत पैदा किए हुए हैं। नामांकन पत्र दाखिल होने की अंतिम तारीख को भाजपा ने कुल्लू सीट पर दिग्गज नेता महेश्वर सिंह का टिकट काट दिया है। हैरानी की बात यह है कि भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर महेश्वर सिंह नामांकन तक दाखिल कर चुके थे। ऐन मौके पर भाजपा ने शिक्षक नरोत्तम ठाकुर को पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया।
वहीं इस फजीहत के चलते महेश्वर सिंह के आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में डटे रहने की बातें कहीं जा रही हैं। फिलहाल नामांकन वापिस लेने की तिथि तक सबको इंतजार करना होगा। महेश्वर सिंह की टिकट कटने के पीछे उनके अपने ही बेटे की बगावत बड़ी वजह रही है।
महेश्वर के बेटे ने बंजार सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर कर अपने पिता की टिकट भी कटवा दी। हांलाकि माना जा रहा था कि महेश्वर सिंह अपने बयान के अनुसार अपने बेटे को मना लेंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ और नतीजा उनकी टिकट कटने के तौर पर सामने आ गया। ज्ञात रहे कि बंजार सीट पर भाजपा ने सीटिंग विधायक को ही टिकट दिया है।
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