नई दिल्ली, 26 अगस्त। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संगठनात्मक चुनाव से पूर्व शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया तथा नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा’ करने का आरोप लगाया।
आजाद के इस्तीफे को, पहले से ही समस्याओं का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी पर एक और आघात माना जा रहा है। पूर्व में कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं जिसमें कपिल सिब्बल, अश्विनी कुमार आदि शामिल हैं। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पृष्ठ के त्यागपत्र में अपनी शिकायतों का सिलसिलेवार उल्लेख किया। आजाद ने कहा कि वह ‘भारी मन’ से यह कदम उठा रहे हैं।
उन्होंने पार्टी को ‘‘पूरी तरह से बर्बाद हो गई’’ बताया और कहा कि कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए और प्रदेश स्तर पर क्षेत्रीय दलों के लिये स्थान खाली कर दिया। आजाद ने आरोप लगाया कि यह सब इसलिए हुआ क्योंकि बीते आठ वर्षो में नेतृत्व ने एक ऐसे व्यक्ति को पार्टी पर थोपने का प्रयास किया जो गंभीर नहीं था।
उन्होंने आरोप लगाया कि दरबारियों के संरक्षण में कांग्रेस को चलाया जा रहा है तथा पार्टी देश के वास्ते सही चीजों के लिए संघर्ष करने की अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो चुकी है। पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले जी23 समूह का हिस्सा रहे आजाद ने कहा कि इसलिए खेदपूर्वक और बेहद भारी मन से उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ अपने करीब 50 वर्षो के संबंध को समाप्त करने का फैसला किया है। उन्होंने लिखा कि वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों से त्यागपत्र दे रहे हैं।
उन्होंने पार्टी में संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया को ‘धोखा’ करार देते हुए कहा कि देश में कहीं भी, पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव संपन्न नहीं हुए। आजाद ने सोनिया को लिखे पत्र में कहा कि 24 अकबर रोड में बैठे एआईसीसी के चुने हुए पदाधिकारियों को एआईसीसी का संचालन करने वाले छोटे समूह द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।
उन्होंने कहा कि बूथ, ब्लाक, जिला और राज्य स्तर पर कहीं भी मतदाता सूची प्रकाशित नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर धोखे के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है। आजाद ने कहा कि क्या भारत की आजादी के 75वें वर्ष में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए यह उपयुक्त है, यह सवाल एआईसीसी नेतृत्व को खुद से पूछना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालनी चाहिए थी। आजाद ने कहा कि दुर्भाग्य से कांग्रेस में स्थिति इस स्तर पर पहुंच गई है कि वापसी का रास्ता नहीं दिख रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया, नीचा दिखाया गया। आजाद पार्टी के ‘जी-23’ समूह के प्रमुख सदस्य रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था।