नई दिल्ली, 05 अप्रैल। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संगठन के भीतर हर स्तर पर एकजुटता की जरूरत रेखांकित करते हुए मंगलवार को कहा कि पार्टी का फिर से मजबूत होना इस लोकतंत्र और समाज के लिए जरूरी है। उन्होंने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में अपने संबोधन के दौरान पार्टी नेताओं से यह भी कहा कि पार्टी के लिए आगे रास्ता और भी चुनौतीपूर्ण है।
बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और कई अन्य सांसद शामिल हुए। सोनिया गांधी ने ‘विभाजन एवं ध्रुवीकरण के एजेंडे' को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बंटवारे के समय के तथ्य और इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करना सत्तारूढ़ पार्टी के लिए नियमित बात हो चुकी है।
उनके मुताबिक, ‘हम भाजपा को, सदियों से हमारे विविधतापूर्ण समाज को एकजुट रखने और समृद्ध करने वाले सौहार्द व सद्भाव के रिश्ते को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।’ उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति की हालिया बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि वह इससे अवगत हैं कि पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनावों में हार से नेता कितने निराश हैं। उन्होंने चिंतन शिविर आयोजित करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
सोनिया गांधी ने कहा कि ‘‘आगे रास्ता और भी चुनौतीपूर्ण है। हमारे समर्पण, लचीलेपन की भावना और प्रतिबद्धता की परीक्षा है। हमारे व्यापक संगठन के हर स्तर पर एकजुटता जरूरी है। इसे सुनिश्चित करने के लिए जो भी जरूरी होगा, वह करने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं।’’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘हमारा फिर से मजबूत होना सिर्फ हमारे लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र और समाज के लिए भी जरूरी है।’’ सोनिया गांधी ने हाल ही में राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के योगदान की सराहना की और उम्मीद जताई कि वे सार्वजनिक जीवन में बने रहेंगे और कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करना जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र अब भी ‘अनिश्चित स्थिति’ में है। कांग्रेस अध्यक्ष ने पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर चिंता प्रकट की।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि महंगाई के खिलाफ अभियान जारी रखा जाए।