शिमला, 22 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने न्यायालय के आदेशों के बावजूद राज्य सरकार द्वारा अभी तक एक स्वतंत्र राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण स्थापित करने बारे कोई निर्णय ना लेने पर सख्ती दिखाते हुए एक माह के भीतर इसकी स्थापना करने के आदेश जारी किए हैं। पिछले चार वर्षों से इस मामले को बेवजह टाले जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायाधीश सबीना की खंडपीठ ने व्यवस्था दी कि राज्य सरकार के लिए कानूनन यह जरूरी है कि वह हिमाचल प्रदेश के लिए कार्य भार के आधार पर ट्रिब्यूनल के गठन को अधिसूचित करे। कोर्ट ने ट्रिब्यूनल का गठन करने के साथ भवन और आवश्यक कर्मचारियों सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि ट्रिब्यूनल में पीठासीन अधिकारी के रूप में किसे तैनात किया जाना चाहिए और क्या ट्रिब्यूनल के एक पीठासीन अधिकारी को दूसरे ट्रिब्यूनल का अतिरिक्त प्रभार दिया जाना चाहिए या नहीं। इसको लेकर व्यापक विचारविमर्श करने के बाद प्रशासनिक तौर पर उच्च न्यायालय के परामर्श से राज्य सरकार ट्रिब्यूनल के गठन का निर्णय लेगी। प्रदेश उच्च न्यायालय ने ट्रिब्यूनल के गठन से जुड़ी सारी प्रक्रिया पूरी करके एक महीने के भीतर ट्रिब्यूनल के गठन के आदेश जारी किए हैं। आदेशों की अनुपालना के लिए मामले को 25 फरवरी, 2022 को सूचीबद्ध किया जाए।
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