Friday, April 19, 2024
BREAKING
स्वदेशी क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण महिलाओं को हर हाल में दी जाएगी 1500 रुपए पेंशन, भाजपा ने रुकवाई: नरेश चौहान कांग्रेस फोबिया से ग्रसित हो चुके जयराम ठाकुर: कर्नल धनी राम सेब के बगीचे में लटका मिला विवाहिता का शव, जांच जारी भाजपा ने 1500 रुपये रुकवाकर महिलाओं को किया अपमानित: कांग्रेस प्रदेश में उत्साह व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया हिमाचल दिवस परस राम धीमान और समर्थकों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से की मुलाकात मुख्यमंत्री तनाव में कर रहे उल्टी सीधी बयानबाज़ी : जयराम ठाकुर भाजपा समर्थित बीडीसी सदस्य मनजीत, हमीरपुर नप अध्यक्ष मनोज कांग्रेस में शामिल पत्‍नी को बेरहमी से जिंदा जलाया, पति गिरफ्तार
 

 न्यायमूर्ति मुखर्जी भी पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुए जघन्य अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्णय से सहमत

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Friday, August 20, 2021 19:02 PM IST
 न्यायमूर्ति मुखर्जी भी पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुए जघन्य अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्णय से सहमत

कोलकाता, 20 अगस्त। न्यायमूर्ति आईपी मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुए जघन्य अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्णय से सहमति व्यक्त की और अपने अलग से लिखे फैसले में कहा कि मानव अधिकार आयोग की समिति के दुराग्रह से ग्रसित होने के आरोप में दम नहीं है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मुखर्जी ने कहा कि मानव अधिकार आयोग द्वारा गठित समिति के पास पांच न्यायाधीशों की पीठ के आदेश के तहत ही जांच करने और एकत्र किए गए तथ्यों को पेश करने का अधिकार था

 

न्यायमूर्ति मुखर्जी ने जनहित याचिकाओं पर पीठ द्वारा पारित फैसले से सहमति जताते हुए कहा कि समिति के खिलाफ दुराग्रह से ग्रसित होने के आरोप में दम नहीं है क्योंकि अदालत ने न केवल समिति की रिपोर्ट पर विचार किया बल्कि उसके बाद अधिवक्ताओं के तर्क और दलीलों पर भी गौर किया। जनहित याचिकाओं में चुनाव बाद हुई कथित हिंसा की स्वतंत्र जांच कराने तथा पीड़ितों को मुआवजा देने का अनुरोध किया गया था।

 

उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की पीठ ने दुष्कर्म, दुष्कर्म की कोशिश और हत्या जैसे जघन्य अपराधों की सीबीआई जांच तथा पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद कथित हिंसा के अन्य मामलों की जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी के गठन का आदेश दिया है।

 

अपनी टिप्पणियों में न्यायमूर्ति मुखर्जी ने कहा कि निर्वाचन आयेाग की दलीलें बिल्कुल सही हैं कि चुनाव कराना उसका काम है लेकिन प्रशासन चलाना सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि ‘मेरी राय में निर्वाचन आयोग सैद्धांतिक रूप से सही है। लेकिन यह भी सही है कि निर्वाचन आयोग ने प्रशासन को प्रशासनिक ड्यूटी में लगे अधिकारियों का तबादला करने और उन्हें उस समय उसके निर्देशों के अनुसार तैनात करने के लिए कहा था जब वह चुनाव का प्रभारी था।’ उन्होंने कहा कि अगर चुनाव के परिणामस्वरूप अपराध हुए तो यह निर्वाचन आयोग का कर्तव्य है कि वह कम से कम प्रशासन को शिकायतें दर्ज करने का निर्देश या सलाह दे जो उसने नहीं किया।

 

न्यायमूर्ति मुखर्जी ने कहा कि चुनाव और नई सरकार के पदभार ग्रहण करने के बीच निर्वाचन आयोग प्रशासन को शिकायतें दर्ज करने का निर्देश देकर अधिक सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अगर अपराध साबित हो जाता है तो दोषियों को सजा दी जाएगी। केवल तभी पूरी व्यवस्था को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि एनएचआरसी समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों और निष्कर्षों का विरोध करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया था कि यह गलत और पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने यह दावा किया था कि सात सदस्यीय समिति के कुछ सदस्यों का भारतीय जनता पार्टी से संबंध था।

जस्‍टीस अमजद ए. सईद ने हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की शपथ ग्रहण की

पदभार संभाला : जस्‍टीस अमजद ए. सईद ने हिमाचल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की शपथ ग्रहण की

न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की शपथ ग्रहण की

नियुक्‍ति : न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की शपथ ग्रहण की

हिमाचल के सात जिला एवं सत्र न्‍यायाधीशों का तबादला, अरविंद मल्‍होत्रा डीजे कांगड़ा

आदेश : हिमाचल के सात जिला एवं सत्र न्‍यायाधीशों का तबादला, अरविंद मल्‍होत्रा डीजे कांगड़ा

जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 817, 447 और 556 पर लगा स्टे हटा, शुरू होगी भर्ती

कोर्ट का फैसला : जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड 817, 447 और 556 पर लगा स्टे हटा, शुरू होगी भर्ती

हाईकोर्ट ने एक माह में स्‍वतंत्र राज्‍य परिवहन अपीलीय ट्रिब्‍यूनल के गठन के आदेश दिए

फैसला : हाईकोर्ट ने एक माह में स्‍वतंत्र राज्‍य परिवहन अपीलीय ट्रिब्‍यूनल के गठन के आदेश दिए

दिल्ली से बाहर उपयोग के लिए पटाखों की बिक्री की अनुमति से इनकार

सुप्रीम कोर्ट या ग्रीन ट्रिब्‍यूनल जाएं   : दिल्ली से बाहर उपयोग के लिए पटाखों की बिक्री की अनुमति से इनकार

समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने की याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई 30 नवंबर को

दिल्‍ली हाईकोर्ट : समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने की याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई 30 नवंबर को

मुस्लिम निकाह एक अनुबंध, हिंदू विवाह की तरह संस्कार नहीं: कर्नाटक उच्च न्यायालय

तलाक के बाद पत्‍नी को देना होगा गुजारा भत्‍ता : मुस्लिम निकाह एक अनुबंध, हिंदू विवाह की तरह संस्कार नहीं: कर्नाटक उच्च न्यायालय

VIDEO POST

View All Videos
X