शिमला, 16 दिसंबर। हिमाचल प्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों का विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करने के लिए सरकार ने वर्ष 2023-24 में जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 857 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह जानकारी जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां जनजातीय विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल प्रदेश के जनजातीय विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। वर्ष 2023-24 में इन स्कूलों में 24,794 विद्यार्थी दाखिल हुए हैं। प्रधानमंत्री वन धन विकास कार्य के तहत प्रदेश में चलाए जा रहे चार वन धन विकास केन्द्रों के माध्यम से जनजातीय लोगों को प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर आजीविका प्रदान की जा रही है।
बैठक के दौरान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति तथा जनजाति के लिए प्री-एक्जामिनेशन कोचिंग सेन्टर के निदेशक प्रो. जोगिंद्र सिंह धीमान ने जनजातीय विकास मंत्री को विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही सुविधाओं से अवगत करवाया।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि जनजातीय लोगों की सुविधा के लिए नूरपुर तथा रामपुर में जनजातीय भवनों का निर्माण किया जा रहा है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत प्रदेश के जनजातीय गांवों का विकास किया जाएगा।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव जनजातीय विकास डॉ. विक्रम सिंह नेगी, संयुक्त निदेशक जनजातीय विकास कैलाश चौहान, कुलसचिव हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय डॉ. वीरेन्द्र शर्मा, उच्च शिक्षा तथा निदेशालय अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम लोगों के सशक्तिकरण के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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