शिमला, 28 जून। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज इन्दिरा गांधी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय (आईजीएमसी) शिमला में आयोजित अलाइड हेल्थ साइंस स्टूडेंट्स के वार्षिक समारोह ‘इन्फ्यूजन-2023’ के अवसर पर स्टेट अलाइड एंड हेल्थकेयर कॉउन्सिल के नवनिर्मित ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एवं नवीनीकरण पोर्टल का शुभारम्भ किया। इस कॉउन्सिल का गठन हिमाचल प्रदेश पैरामेडिकल कॉउन्सिल का पुनर्गठन करके किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण पर कांसेप्ट पेपर तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आउटसोर्स आधार पर कार्यरत ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट का मानदेय 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आउटसोर्स आधार पर कार्यरत पैरामेडिक्स के अन्य वर्गों का मानदेय भी बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल की मदद से हजारों अलाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को बहुआयामी लाभ मिलेंगे। प्रोफेशनल्स घर बैठे इस पोर्टल के माध्यम से काउंसिल में नए रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन, रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण, अनापत्ति प्रमाण पत्र, आवेदन तथा अन्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना अलाइड हैल्थकेयर प्रोफेशनल्स के सुधार के लिए तकनीक का उपयोग करने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस पहल से सरकार की ई-गवर्नेंस की महत्वकांक्षी परियोजनाओं को पूरा करने और राज्य को डिजिटल शक्ति से संपन्न समाज में बदलने में सहायता मिलेगी। यह पोर्टल वेरिटोस इन्फोसोलूशन्स द्वारा एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से बहुत ही सहज और प्रभावशाली ढंग से तैयार किया गया है।
इस पोर्टल की मदद से काउंसिल का कार्य पूर्ण रूप से कागजमुक्त हो जायेगा तथा काउंसिल की कार्यक्षमता को बढ़ावा मिलेगा। परिषद के पुराने रिकॉर्डों को डिजिटल बनाया गया है और आवेदनों की शीघ्र प्रोसेसिंग के लिए सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। लगभग 9 हजार एलाइड हेल्थ प्रोफेशनल्स को अब काउंसिल में आने की आवश्यकता नहीं होगी और सभी प्रकार के आवेदनों की स्थिति ऑनलाइन ही प्राप्त की जा सकेगी। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण पोर्टल एक सरल और पूर्णतया ऑनलाइन पोर्टल है। इसके अलावा, सत्यापन प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद, परिषद प्रत्येक एलाइड हेल्थ प्रोफेशनल्स को एक क्यूआर कोड आधारित स्मार्ट कार्ड और प्रमाणपत्र प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि कॉउन्सिल द्वारा यह पहल पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है क्योंकि इससे हर साल लगभग 70 हजार पेपर, 150 से ज्यादा पेड़ और लाखों लीटर पानी की बचत होगी। डिजिटलीकरण प्रक्रिया से परिषद को एलाइड हेल्थ प्रोफेशनल्स के लिए सेवाओं के तरीके में मूलभूत परिवर्तन सुनिश्चित होगा। इस पहल से सरकार संसाधनों की लागत कम करने और परिषद के संसाधनों का बेहतर उपयोग करने की दिशा में कार्य कर रही है। इससे प्रदेश स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिकीकरण और प्रगति का प्रतीक भी बना है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए विद्यार्थियों को एक लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने तथा आधारभूत ढांचे के सृजन के लिए आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न प्रोफेशनल के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, आईजीएमसी के प्रधानाचार्य एस.एस.सोढी, चिकित्सा अधीक्षक राहुल राव, स्टेट अलाइड एंड हेल्थकेयर काउंसिल के सचिव विनोद चौहान, वरिष्ठ अधिकारी व अलाइड हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स तथा विद्यार्थी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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