नई दिल्ली, 15 जनवरी। कर्मचारियों को कानूनी कार्रवाई में उलझा कर लेबर कोर्ट में चल रहे मामलों को लंबा खिंचकर परेशान करने वाले हिंदूस्तान टाइम्स के प्रबंधन को माननीय सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट काम्प्लेक्स में स्थित लेबर कोर्ट में कुलदीप शर्मा और राविंद्रा कुमार धाकड़ के मजीठिया वेजबोर्ड क्लेम के दो मामलों में प्रबंधन ने नई दिल्ली हाई कोर्ट में रेफरेंस आर्डर को चुनौती देते हुए लेबर कोर्ट की कार्यवाही पर स्टे ले लिया था।
इन कर्मचारियों की मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील एवं एओआर राहुल श्याम भंडारी जी ने हाथ बढ़ाया था। पहले तो उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में इन दोनों के लिए निशुल्क पैरवी की और फिर हाईकोर्ट के आर्डर को माननीय सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करके चुनौती दी। यहां भी उन्होंने निशुल्क पैरवी की ओर पहले ही आर्डर में दिल्ली हाईकोर्ट के स्टे पर स्टे लेने में कामयाब हो गए थे। इससे लेबर कोर्ट की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई थी। अब ताजा आदेशों में दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित सीडब्ल्यूपी को ही रद्द कर दिया गया है।
बताते चलें कि 7 जनवरी, 2025 को इन दोनों कर्मचारियों का मैटर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बैंच के समक्ष लगा था। इस दौरान माननीय जजों ने राहुल श्याम भंडारी की सिविल एसएलपी को स्वीकार करते हुए एचटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील की एक भी दलील नहीं सुनी और सीधे कह दिया कि लेबर कोर्ट के मामले को हाईकोर्ट में नहीं लटकाया जा सकता। साथ ही दोनों पक्षों को लेबर कोर्ट के समक्ष अपनी-अपनी दलील रखने को कहा।
अब 15 जनवरी, 2025 को अपलोड हुए आदेशों में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने जहां हाईकोर्ट के स्टेआर्डर के साथ ही यहां दायर रिट याचिका को ही निरस्त करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट को इस संबंध में फॉर्मल आदेश पारित करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा लेबर कोर्ट में चल रहे मामले की तेजी से सुनवाई करते हुए इसका जल्द निपटारा करने के आदेश भी जारी किए हैं।
ज्ञात रहे कि एचटी प्रबंधन ने इन दोनों के मामलों को रेफरेंस के तीन साल बाद हाईकोर्ट में चैलेंज किया और पहले से ही हाईकोर्ट में लटका कर रखे गए अन्य मामलों के साथ अटैच करवाकर इन पर भी स्टे ले लिया तो इन कर्मचारियों को में निराशा फैल गई थी। तब न्यूजपेपर इम्प्लाइज यूनियन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और दिल्ली लेबर कोर्ट में इनके लिए बतौर एआर पैरवी कर रहे रविंद्र अग्रवाल ने श्री राहुल श्याम भंडारी जी से संपर्क किया। भंडारी जी ने एक फोन काल पर ही इन दोनों की मदद को तैयार हो गए और दिल्ली हाईकोर्ट में पहले ही सुनवाई में कर्मचारियों को पक्ष रखा, मगर हाईकोर्ट ने पहेल के केसों के साथ इन दोनों मामलों को जोड़ते हुए लेबर कोर्ट की कार्यवाही को स्टे कर दिया था।
हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ श्री राहुल भंडारी जी ने एक मजबूत केस तैयार करके सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी डाली और पहले ही सुनवाई में हाईकोर्ट के स्टे आर्डर पर ही स्टे लेने में कामयाब हो गए थे। इस तरह राहुल जी ने एचटी प्रबंधन के लेबर कोर्ट की कार्यवाही को स्टे करवाने के मंसूबे पर पानी फेर दिया था। अब ताजा आदेशों में हाईकोर्ट में दायर दोनों कर्मचारियों की रिट याचिकाओं को निरस्त करवाकर एक बड़ी लड़ाई जीतवाई ली है। यहां गौरतलब है कि हाईकोर्ट के स्टे आर्डर पर सुप्रीम कोर्ट में कम ही दखल दिया जाता है और रिट याचिकाएं रद्द करना एक बड़ा फैसला है। श्री राहुल श्याम भंडारी जी की इस जीत और उनके अखबार कर्मियों की मदद करने पर न्यूजपेपर इम्प्लाइज यूनियन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रविंद्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष शशीकांत और महासचिव धर्मेंद्र सिंह ने बधाई दी है और इस मदद के लिए उनका आभार व्यक्त किया है।
यह है सुप्रीम कोर्ट का आर्डर
IN THE SUPREME COURT OF INDIA CIVIL APPELLATE JURISDICTION
CIVIL APPEAL NO(S). OF 2025 (ARISING FROM SLP@(C) No(s). 394/2024)
RABEENDRA KUMAR DHAKAD ... APPELLANT(S)
Versus
HT MEDIA LTD & ANR. ... RESPONDENT(S)
WITH CIVIL APPEAL NO(S). OF 2025 (ARISING FROM SLP(C) No. 1273/2024) CIVIL APPEAL NO(S). OF 2025 (ARISING FROM SLP(C) No. 9018/2024
O R D E R
Leave granted.
2. We find no justification for the High Court to have stayed the Reference proceedings before the Labour Court, Rouse Avenue, New Delhi.
3. Accordingly, we set aside the impugned interim order(s) passed by the High Court staying the proceedings before the Labour Court and direct that the Labour Court shall proceed with the reference expeditiously and decide the same at the earliest.
4. It goes without saying that both parties shall cooperate before the Labour Court.
5. Parties shall be at liberty to raise all possible contentions before the Labour Court.
6. In view of the fact that we have set aside the interim order(s), we find no reason for the writ petition(s) to continue any longer on the Board of the High Court.
7. The writ petitions before the High Court are, accordingly, dismissed. Registry to forward copy of this order to the Delhi High Court for passing formal orders.
8. The Appeals are allowed accordingly.
9. Pending application(s), if any, shall stand disposed of.
……………………………………………. .J. [VIKRAM NATH]
……………………………………………. .J. [SANJAY KAROL]
……………………………………………. .J. [ SANDEEP MEHTA]
NEW DELHI;
JANUARY 07, 2025.