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अल्जाइमर से हो जाएं सावधान, लक्षण पहचानें

एफ.आई.आर. लाइव डेस्क Updated on Saturday, September 19, 2015 12:43 PM IST

अगर आपको बार बार भूलने की समस्या आ रही है तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यह अल्जाइमर रोग के लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे में बगैर लापरवाही बरते इलाज शुरू करवा दें तो रोग को और बढऩे से रोका जा सकता है। अल्जाइमर एक गंभीर किस्म की मानसिक बीमारी है। यह बीमारी हमारे दिमाग को नुकसान पहुंचाती है। अल्जाइमर में आमतौर पर मरीज की याद्दाश्त कमजोर हो जाती है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है किंतु अधिक उम्र के लोगों में ज्यादा होती है। फास्ट फूड ने दी अल्जाइमर को बढ़ावा दिया हैं।


सामान्य लोग पागलपन से 'यादा कुछ नहीं समझते हैं। पर इसका शिकार रोगी एक गंभीर मानसिक बीमारी से ग्रस्त होता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन के अनुसार मौजूदा समय में विश्व में करीब 18 मिलियन लोग अल्जाइमर रोग से पीडि़त हैं। वर्ष 2025 तक यह संख्या करीब 34 मिलियन पहुंच जाने यानि दोगुना हो जाने की संभावना है। भारत में अल्जाइमर रोग से पीडि़त लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इस पर अगर अभी से ध्यान न दिया गया तो स्थिति बदतर हो सकती है। सामान्य धारणा है कि अल्जाइमर बीमारी केवल 60 साल की उम्र के पार के व्यक्ति में होता है और जब तक वे युवा हैं, तब तक तो उसे इस बीमारी का कोई खतरा नहीं है।

 

हकीकत यह है कि अल्जाइमर किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकता है। चाहे वह 60 वर्ष का हो या 35-40 का। हां, यह बात अलग है कि उम्र बढने के साथ-साथ इस बीमारी का खतरा बढ़ता जाता है। यदि परिवार के साथ रहने वाले किसी व्यक्ति को यह बीमारी है तो इससे प्रभावित होने का खतरा, सामान्य लोगों की अपेक्षा अधिक होता है। मस्तिष्क से जुड़ी इस बीमारी पर वर्ष 1906 में जर्मन फिजीशियन एलोस अल्जाइमर काफी गहनता से काम किया करते थे। यही कारण है कि उन्हीं के नाम पर इस बीमारी को अल्जाइमर कहा जाने लगा। वर्ष 1906 से लेकर अब तक अल्जाइमर रोग के कारणों और इसके इलाज के बारे में दुनिया भर में शोध कार्य हो रहा है, लेकिन अभी तक वैज्ञानिक निश्चित तौर पर इसके कारणों की पहचान नहीं कर सके हैं। यादाश्त का कमजोर होना, जानी पहचानी जगह के बारे में भूल जाना, किसी खास या परिचित को देखने के बाद भी उसके बारे में कुछ भी याद न आना, भाषा की परेशानी होना, एक ही शब्द को बार-बार दोहराना, समय और स्वाद का पता न चलना, सोचने की क्षमता में कमी आना, मूड में लगातार बदलाव आदि अल्जाइमर रोग के प्रमुख लक्षण हैं।

 

अल्जाइमर बीमारी में पेशेंट अकसर अपनी चीजों को रखकर भूल जाते हैं। बोलते-बोलते यह सोचने लगते हैं कि आखिर वे करना क्या चाहते हैं। उनकी रचनात्मकता में कमी आने लगती है। रोगी अपने आप में आए इस व्यवहार से खुद हैरान होता है, लेकिन उसे पता नहीं चलता कि यह सब आखिर कैसे हो रहा है? दरअसल, अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है। इसको प्रारंभिक स्तर पर पहचानना मुश्किल होता है। रोगी को पता ही नहीं चलता और यह बीमारी मस्तिष्क को प्रभावित करके उसकी याद्दाश्त और सोचने-समझने की क्षमता में अवरोध उत्पन्न करने लगती है। रोग की चपेट में आने पर व्यक्ति ठीक से सोचने-समझने, बोलने, काम करने में परेशानी महसूस करने लगता है। फिर उसका सामाजिक दायरा संकुचित होता चला जाता है और वह अपने आप में सिमटता चला जाता है।

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