एक धड़ा राहुल गांधी को छह माह का सीएम बनाने पर अड़ा
दूसरी राजधानी धर्मशाला, 01 अप्रैल। आय से अधिक संपत्ति मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के चलते मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया है। हालांकि राज्यपाल ने अभी तक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है और एक शर्त रखते हुए उन्हें पहले अपना उत्तराधिकारी चुनने के लिए दो दिन का समय दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने उत्तराधिकारी का चुनाव टॉस के जरिये करवाने का निर्णय लिया है। अभी तक मिले आवेदनों में इस दौड़ में स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर, परिवहन मंत्री जीएस बाली, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुख्खू, शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, श्रम एवं उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री शामिल बताए जा रहे हैं।
वहीं कुछ अन्य नाम भी आगे आ रहे हैं, मगर इनमें से एक का नाम ही पर्ची सिस्टम के जरिये मुख्य दावेदारों में शामिल किए जाने का निर्णय लिया गया है। टॉस पहले अधिक संपत्ति वाले दावेदारों में होगा। एक-एक करके सभी बाहर होते जाएंगे और अंतिम एक को सीएम बनाया जाएगा। शपथ समारोह अगले सप्ताह तक होने की संभावना है। इस बीच भाजपा ने भी सरकार बनाने की कोशिशें की थीं, मगर तीन निर्दलीय विधायकों के राहुल गांधी के साथ मिलकर अगली बार टिकट पक्का होने की शर्त माने जाने के चलते कांग्रेस का साथ न छोडऩे के दावों के चलते यह हसरत पूरी नहीं हो सकी।
अब भाजपा की नजरें कांग्रेस के सीएम पद के असंतुष्ट दावेदारों पर टिकी हुई हैं। अब देखना है कि विस चुनाव के अंतिम छह महीनों में हिमाचल की राजनीति क्या रंग दिखाती है। आज अप्रैलफूल होने के चलते मुख्यमंत्री इस संबंध में दो अप्रैल को पत्रकारवार्ता में अपने इस्तीफे की घोषणा करेंगे।
उधर, चर्चाएं यह भी हैं कि कांग्रेस का एक धड़ा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर उन्हें हिमाचल में छह माह सरकार चालने का अनुभव प्राप्त करने की सलाह देने जा रहा है। अब तक हुए चुनावों में प्रधानमंत्री की दावेदारी पर खरा नहीं उतर पा रहे राहुल गांधी के कारण कांग्रेस की नैया डूबने से बचाने के लिए कांग्रेस के नेताओं का एक गुट अब उन्हें छह माह का सीएम बनाकर देश की जनता को यह दिखलाना चाहता है कि उनमें भी निर्णय लेने और सरकार चलाने की क्षमता है।
अगली बार के चुनावों में हिमाचल प्रदेश के चुनाव जहां भाजपा की ओर से मोदी के चेहरे पर लड़े जाने की बातें की जा रही हैं, तो इसकी काट निकालने के लिए राहुल गांधी को छह माह का अनुभव देकर सीएम के पद का चेहरा बनाकर पहली बार उतरा जाएगा। अब देखना यह है कि अप्रैलफूल यानि मूर्ख दिवस पर लगाई जा रही ये अटकलें सच होती हैं या नहीं।
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