शिमला, 21 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के नजदीक आते-आते कांग्रेस को बड़े झटके लगने लगे हैं। अभी हाल ही में दो विधायकों के भाजपा में शामिल होने का मामला ठंडा नहीं पड़ा था कि अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसा उन्होंने पार्टी में ही उन पर किए जा रहे हमलों से आहत होकर लिया है।
आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है। आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजने के बाद लगातार दो ट्वीट करते हुए अपना दर्द जाहिर किया है। आनंद शर्मा ने ट्वीट में लिखा कि हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस की संचालन समिति का अध्यक्ष पद भारी मन से छोड़ा है।
आनंद शर्मा ने लिखा कि ‘स्वाभिमानी होने के कारण लगातार बहिष्कार और अपमान को देखते हुए मेरे पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। आजीवन कांग्रेसी हूं और अपने इस विश्वास पर कायम हूं। कांग्रेस की विचारधारा मेरे खून में दौड़ती है और इसे लेकर कोई शक नहीं होना चाहिए।’
आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की वजह लगातार हो रहे अपमान और बहिष्कार को बताया है। कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में भी उन्होंने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाया था। आनंद शर्मा ने इस्तीफे में बैठकों में न बुलाए जाने के साथ ही कई बातों का जिक्र किया है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले आनंद शर्मा से पहले जम्मू कश्मीर के दिग्गज गुलाम नबी आजाद को भी जम्मू-कश्मीर चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। गुलाम नबी आजाद ने चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के कुछ ही घंटों बाद इस्तीफा दे दिया था।
बता दें कि आनंद शर्मा भी कांग्रेस के जी-23 गुट के नेता हैं. इस गुट के नेता ब्लॉक से लेकर सीडब्ल्यूसी तक, पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के लिए चुनाव कराने के समर्थक हैं. जी-23 के नेताओं को पार्टी में एक तरह से उपेक्षा का शिकार होना पड़ता रहा है.