मंडी, 27 सितंबर। मंडी की टारना पहाड़ी में बरसात में हुए भूस्खलन और भूधंसाव के कारणोंको खंगालने और इसे रोकने के उपायसुझाने के लिए भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) चंडीगढ़ का दो सदस्यीय दल बुधवार को मंडी पहुंच गया है। यह दल अगले दो सप्ताह टारना में भूभौतिकीय कारकों का अध्ययन करेगा। वे टारनापहाड़ी की डिटेल मैपिंग करने के साथ ही मिट्टी के नमूने लेकर प्रयोगशाला मेंउनका अध्ययन करेंगे। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के इस दल में विज्ञानी श्रेयसीमहापात्रा और तृप्ति बाबा शामिल हैं।
जिलाधीश अरिंदम चौधरी ने बताया कि जुलाई-अगस्त में हुई बरसात में प्रदेश में जिस तरह से भूस्खलन और भूधंसाव की अत्यधिक घटनाएं हुई हैं, उन्हें देखते हुए मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जियोलजिकल सर्वे करवा के इसके कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। इसी संदर्भ में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम पूरी गहनता से सर्वेक्षण करेगी। रिपोर्ट के अनुरूप वर्तमान में इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाने के साथ ही भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए टीम जो भी उपाय सुझाएगी उस पर काम किया जाएगा। इससे पहले भी सितंबर के पहले हफ्ते में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के एक दल ने आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कर जिले में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे किया था।
गौरतलब है कि समूचे प्रदेश समेत मंडी जिले में जुलाई-अगस्त महीने में भारी बारिश के कारण अनेक जगहों पर भूस्खलन और भूधंसाव की घटनाएं हुई हैं। इसी में टारना में अनेक मकानों में दरारे आई हैं। वहीं, भूधंसाव के कारण अनेक घरों को खतरा उत्पन्न हो गया है। इसे देखते हुए त्वरित समाधान के साथ साथ दीर्घकालिक उपायों को लेकर कार्य योजना बनाने के लिए प्रदेश सरकार व्यापक भूगर्भीय सर्वेक्षण करवा रही है।