शिमला, 10 अगस्त। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान आज सदन में स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से जमकर हंगामा किया। इसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट किया। इसके बाद आरएसएस को लेकर कांग्रेस सदस्यों द्वारा की गई टिप्पणी पर भी सदन में हंगामा हुआ और विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने फिर से वॉकआउट किया। प्रदेश में कोरोना महामारी से उत्पन्न स्थिति पर बीते रोज नियम 130 के तहत हुई चर्चा का आज स्वास्थ्य मंत्री राजीव सहजल ने जवाब दिया। मंत्री के जवाब से विपक्ष खुश नहीं था। उसका आरोप था कि कांग्रेस विधायकों ने कोरोना संकट को लेकर जो मुद्दे उठाए थे उनका कोई जवाब मंत्री ने नहीं दिया और वह अपनी बात कह गए।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की और सदन वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस के विधायक जगत सिंह नेगी ने प्रदेश में महिलाओं, वृद्धों, दिव्यांगों और समाज के दूसरे कमजोर वर्गों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और महारानी विक्टोरिया को लेकर टिप्पणी की। इससे सदन का माहौल गर्मा गया और दोनों तरफ से खूब हो हल्ला हुआ। दोनों ओर से खूब नारेबाजी हुई। इसके बाद विपक्ष ने दूसरी बार वॉकआउट किया।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी द्वारा आरएसएस पर की गई टिप्पणी को गलत करार दिया। उन्होंने व्यवस्था दी कि जनसंघ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और महारानी विक्टोरिया पर कांग्रेस विधायक द्वारा की गई टिप्पणी को सदन के रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया जाएगा। सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों द्वारा नियम 130 के तहत कोरोना महामारी से पड़े प्रभावों को लेकर सदन में लाए गए विषय पर 17 विधायकों द्वारा चर्चा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सहजल ने चर्चा पर जवाब दिया। चर्चा पर जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश को एकजुट करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने ताली थाली का सहारा लिया। इसके बाद इस बीमारी से लड़ने के लिए एकता का भाव भी दिखा। उन्होंने कहा कि सीएम की नेतृत्व क्षमता भी कोरोना महामारी के दौरान देखने को मिला। अभी सहजल का जवाब पूरा नहीं हुआ था कि विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
सदन से बाहर कांग्रेस विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना से निपटने के बजाय नगर निगम के चुनाव व मेले करवाने में व्यस्त रही। इसके कारण कोरोना फैला। कोविड काल मे लोगों को राहत देने के बजाए सरकार ने भ्रष्टाचार किया है। वेक्सीनेशन व कोरोना होर्डिंग के ऊपर पैसा खर्च किया जा रहा है लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत नही किया गया है। वहीं माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री का जवाब कोरोना से निपटने को लेकर वैज्ञानिक नहीं था। दूसरी लहर में अधिकतर मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई। सरकार तीसरी लहर से निपटने में भी सरकार कारगर कदम नहीं उठा पा रही है, जो चिंता का कारण है।
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