तपोवन(कांगड़ा),10 दिसंबर। हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही माहौल गर्मा गया है। आज जहां सदन के बाहर सवर्ण आयोग के गठन को लेकर हजारों लोगों की भीड़ ने सरकार को घेरा तो वहीं विधानसभा के अदंर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करके माहौल गर्मा दिया। हालांकि इस अविश्वास प्रस्ताव को सरकार ने रद्द कर दिया, मगर इससे गुस्साए विपक्ष ने सदन से वॉकआउट करके विरोध जताया। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
सदन से बाहर निकलते ही नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पत्रकारों से बातीचत में कहा कि विपक्ष के 23 विधायकों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, मगर सरकार ने इसे रद्द करके मनमानी की है। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार विश्वसनीयता खो चुकी है। जनता ने भी इसे रिजेक्ट कर दिया है। इसलिए इस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। विपक्ष इन मुद्दों पर चर्चा करने की मांग कर रहा है लेकिन सरकार इन मुद्दों पर बात नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने प्रदेश को कर्ज में डुबो दिया है। महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है। आउटसोर्स, करूणामूलकों और पुलिस कर्मियों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। घोषणाओं के बाद भी कोई काम धरातल पर नहीं हुआ है। किसानों को जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया।
अग्निहोत्री ने कहा कि चारों तरफ सरकार की नीतियों के खिलाफ आरजक्ता का माहौल है। सरकार की इन्हीं नीतियों के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था और उनके विधायकों की संख्या भी पूरी थी। इसके बावजूद सरकार ने इस अविश्वास प्रस्ताव को रद्द कर दिया।
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