शिमला, 27 अप्रैल। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार द्वारा अस्थाई शिक्षकों की नियुक्ति करने की खबरों को भ्रामक बताते हुए ऐसी किसी नीति का खंडन किया है। शिमला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि प्रदेश सरकार कहीं भी अस्थाई शिक्षकों की नियुक्ति नहीं करने जा रही है।
सीएम ने कहा कि यह खबर उन्होंने भी अखबारों के माध्यम से पढ़ी है कि सरकार शिक्षा निदेशक या उपनिदेशक के माध्यम से अस्थाई नियुक्तियां करने जा रही है। उन्होंने कहा कि असल में ऐसा नहीं है। किसी भी प्रकार की बैकडोर नियुक्तियां करने की सरकार की कोई मंशा नहीं है। जो सब कमेटी बनाई गई है उसे कहा या है जहां-जहां शिक्षकों के पद खाली हैं, उसकी जानकारी ली जाए।
सीएम ने कहा कि रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि अखबारों के माध्यम से भ्रमजाल फैलाया जा रहा है। सरकार पारदर्शिता से नियुक्तियां करेगी। जो अखबारों में आया है यह सब बात गलत है।
ज्ञात रहे कि आज प्रदेश के अखबारों में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई है कि हिमाचल के दुर्गम इलाकों में 3104 शिक्षकों के रिक्त पदों पर अस्थाई शिक्षकों की सीधी भर्ती की जाएगी। इसमें यह कहा गया था कि इन शिक्षकों की भर्ती मेरिट के आधार पर होगी। इसके लिए किसी भी लिखित परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा। अस्थाई शिक्षकों की भर्ती के लिए टैट पास होना जरूरी रखा गया था। दावा किया जा रहा था कि प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस संदर्भ में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
नियुक्तियों में पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता: रोहित ठाकुर
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां कुछ समाचार पत्रों में अध्यापकों की तदर्थ (एडहॉक) आधार पर नियुक्तियों पर प्रकाशित समाचार का खंडन किया है। इस संबंध में उन्होंने एक प्रेस वक्तव्य में बताया कि शिक्षा विभाग में पिछले कई वर्षों से शिक्षकों की कमी बनी हुई है। वर्तमान प्रदेश सरकार इस समस्या के निवारण के लिए प्रभावी कदम उठाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग, बैच आधार पर भर्ती, पदोन्नति और स्टाफ के युक्तिकरण के माध्यम से शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों के अध्ययन में कोई व्यवधान न हो। राज्य में विशेषकर, जनजातीय एवं दूरदराज क्षेत्रों में शिक्षकों के 12 हजार से अधिक रिक्त पद हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय पूर्ण मेरिट व विद्यार्थियों के हितों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को ध्यान में रखते हुए ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अलावा अन्य सभी विभागों में नियुक्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएंगे।